Punjab

GBP : कदंब के पेड़ ने क्या बिगाड़ा था, इतनी कुंठा में जल रहे हो तो मुझ पर ही कुल्हाड़ी चला लो...

असामाजिक तत्वों का हौसला इतना बढ़ गया है कि वे इस प्रकार किसी व्यक्ति द्वारा किए गए नेक कार्यों को भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे और एक निर्दोष पेड़ पर कुल्हाड़ी चलवाकर अपनी सोच, अपने कैरेक्टर और अपने पूरी जिंदगी का सच इस प्रकार से बीच सड़क उघड़वा रहे हैं।

गठबंंधन से पैर पीछे खींच कर पंजाब में शिअद और भाजपा दोनों ने एक अवसर गवां दिया

होना तो यह चाहिए था कि पंथक मुद्दों पर डटे रहकर सीटों के विभाजन में पार्टी समझौता करती, मौजूदा समय में शिअद को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है कि वह सत्ता में आए। 

रेजिडेंट ने रोड बर्म पर गड्‌ढा भरने को कहा तो RWA ने मिलकर ठहरा दिया 'असामाजिक तत्व', पूरी सोसायटी में किसी ने नहीं जताई आपत्ति

एस्टोनिया होम्स बदनाम हो चुकी है। यह सब यहां की चार-पांच गंदी मछलियों की वजह से हुआ है। और जिसने भी इसके खिलाफ आवाज उठाई, उसके चरित्र, मान-सम्मान पर इसी प्रकार झुंड बनाकर हमला किया गया। जो लोग शांति से अपना जीवन जीना चाहते हैं, उन्हें यहां परेशान किया जाता है 

नशामुक्ति के लिए पंजाब अरदास करेे लेकिन राजनेताओं और पुलिस के मक्कड़जाल को भी खत्म करे

मुख्यमंत्री का यह संकल्प प्रेरक है कि यह मुहिम पंजाब को पूरी तरह से नशा मुक्त और सेहतमंद राज्य में बदलने के लिए निर्णायक काम करेगी। राज्य सरकार को इसका अहसास है कि ऐसे अभियान तभी फलीभूत होते हैं, जब जनता की उनमें सहभागिता होती है।

GBP की रोजवुड-2 सोसायटी में रात के साए में गुंडागर्दी, आवारागर्दों के झुंड ने गाड़ी पर किया हमला, शीशा तोड़ने की कोशिश

आपराधिक तत्वों को यहां मेनस्ट्रीम में आने का मौका मिला है तो वे अपनी गुंडई से लोगों का मुंह बंद करना चाहते हैं। उन्होंने एक जगह को अपना ठिकाना बना लिया है।

GBP की रोजवुड-2 सोसायटी में पानी की लो सप्लाई, ऊपर की मंजिलों पर नहीं चढ़ता पानी, एक-एक बूंद को तरस रहे निवासी

आरडब्ल्यूए-1 में ही पानी का स्टोरेज टैंक बना हुआ है, यहीं से बाकी सोसायटी को भी सप्लाई जाती है। रोजवुड-1 के रेजिडेंट्स को कभी पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ता। 

GBP की सोसायटी में RWA के ओहदेदार ने की मारपीट ! बोला- लोगों के दिमाग बंद हैं, मैं किसी का नौकर नहीं

यहां की सच्चाई मीडिया में भी सामने नहीं आ रही, क्योंकि मीडिया भी अब सच लिखने से कतराता है, मीडिया कर्मियों को सोसायटी का नाम और ऊंची दीवारें दिखती हैं, लेकिन उन दीवारों के पीछे छिपे हुए गुनाहगार नजर नहीं आते। 

Patiala murder क्या किसी निर्बल, असहाय और बीमार महिला की हत्या करना वीरता का कार्य है?

क्या भगवान इस तरह के कृत्य की अनुमति देते हैं? आखिर किसी के प्रति रहमदिल होकर भी हम धर्म की रक्षा कर सकते हैं, क्योंकि सभी धर्मों का सार यही है। 

पंजाब वह पहला राज्य, जिसने अपने यहां पैदल चलने वालों के लिए लागू किया राइट टू वॉक

बेशक, दूसरे राज्यों में अभी इसकी कवायद जारी होगी, लेकिन पंजाब वह पहला राज्य बन चुका है, जिसने अपने नागरिकों को सड़कों के किनारे सुरक्षित चलने के लिए फुटपाथ और साइकिल ट्रैक का निर्माण अधिकार के रूप में देने की तैयारी की है। 

जीबीपी की रोजवुड-2 सोसायटी में पानी की लो सप्लाई, ऊपर की मंजिलों पर नहीं चढ़ता पानी, एक-एक बूंद को तरस रहे निवासी

हैरानी की बात यह है कि सोसायटी में तमाम वर्गों के प्रबुद्ध लोग भी निवास कर रहे हैं, लेकिन वे सामने नहीं आ पा रहे। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि प्रत्येक को इसका अहसास है कि अगर उसने कोशिश की तो राजनीति की वजह से उन्हें परेशान किया जाएगा। 

क्या मुझे गिरफ्तार करने से देश की समस्याएं दूर हो जाएंगी, सबको रोजगार और शिक्षा मिल जाएगी : अरविंद केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्पष्ट लहजे में कहा कि राष्ट्र विरोधी ताकतें नहीं चाहती कि देश में स्कूल, अस्पताल बने और भारत दुनिया का नंबर वन देश बने।

GBP की सोसायटियों में गहरा रहा फंड का संकट, काम पड़े अधूरे

ऐसे रेजिडेंट्स न खुद मेंटेनेंस पे कर रहे हैं और न ही दूसरों को करने दे रहे हैं। उनकी मंशा ऐसा करके आरडब्ल्यूए को संचालित कर रहे मौजूदा लोगों को हटाने की है।

जीबीपी की रोजवुड-2 सोसायटी बनी समस्याओं का घर, नहीं निकल पा रहा समाधान

रोजवुड इस्टेट-2 में सबसे बड़ी समस्या मेंटेनेंस अदा न करने की हो गई है। इसका सीधा संबंध सोसायटी के कामकाज और रखरखाव पर पड़ रहा है। इस समय सोसायटी में करीब 9-10 लाख रुपये की मेंटेनेंस की राशि रेजिडेंट्स पर बकाया है। 

गोबिंद सागर झील में डूब कर पंजाब के 7 युवकों की मौत, दो थे सगे भाई

पंजाब विधानसभा चुनाव में 521 उम्मीदवार ऐसे, जिनके खातों में हैं करोड़ों

पंजाब विधानसभा चुनाव की ही बात करेंं तो राज्य में चुनाव लड़ रहे 521 उम्मीदवारों के पास करोड़ों रुपये की संपत्ति है। प्रत्येक चुनाव के बाद यह सम्पत्ति बढ़ती ही जाती है। जो आम आदमी पार्टी आम आदमी को आगे बढ़ाने की राजनीति का दावा कर रही है, उसमें 81 उम्मीदवार ऐसे हैं, जोकि करोड़पति हैं।

पंजाब में रेत खनन में कार्रवाई के लिए ईडी को यही समय क्यों मिला?

कांग्रेस नेताओं से अलग दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कह रहे हैं कि जो लोग अवैध खनन में संलिप्त हैं, उनसे पंजाब के भले की क्या उम्मीद की जा सकती है। जाहिर है, प्रत्येक के अपने-अपने तर्क और व्याख्या है। हालांकि ईडी से यह पूछा जा सकता है कि आखिर चुनाव की बेला ही उसे छापे डालने के लिए सबसे उपयुक्त क्यों नजर आती है। 

पंजाब में राजनीतिक दलों के लिए सीएम फेस घोषित करना बना टेढ़ी खीर

बहरहाल, पंजाब की जनता इसका मन बनाने में जुटी है कि इस बार किसे सत्ता सौंपी जाए, चंडीगढ़ की तर्ज पर अगर परिवर्तन आएगा तो यह चौंकाने वाला होगा, लेकिन फिर जनता है, जनार्दन है न जाने कितनों पर उसका दिल आ जाए। इस बार पंजाब में दलों की भरमार भी है, अगर जनता ने एक त्रिशंकु विधानसभा ला दी तो फिर कौन किसके साथ जाएगा, यह भी बड़े मंथन का विषय होगा।

कौन रच रहा है पंजाब को फिर से अस्थिर करने की साजिश?

यह मामला महज पंजाब तक सीमित नहीं माना जा सकता, इसमें पूरे देश की सुरक्षा और उसकी अखंडता का प्रश्न जुड़ा है। यह भी निश्चित है कि ऐसा करने के पीछे पंजाब के माहौल को खराब करने का षड्यंत्र रचा जा रहा हो। पूरी दुनिया जानती है कि पंजाब की भारत के लिए क्या अहमियत है।

केजरीवाल का फिर कटाक्ष, चन्नी ऐसे पहले सीएम जोकि बाथरूम में भी लोगों से मिल रहे

अपने पिछले दौरे में उन्होंने चन्नी पर तंज कसते हुए कहा था कि पंजाब में एक नकली अरविंद केजरीवाल घूम रहा है। मैं जो भी ऐलान यहां करके जाता हूं, उसके बाद भी वह भी उसी की नकल करके घोषणा कर देता है।

मनोहर लाल और कैप्टन अमरिंदर की इस मुलाकात का राज क्या है?

हालांकि कैप्टन की मुख्यमंत्री पद से अपमानजनक विदाई और कांग्रेस में उनकी बेअदबी के बावजूद परनीत कौर अगर अब भी सांसद बनी रहती हैं तो यह पंजाब लोक कांग्रेस जिसको स्थापित करने की दिशा में कैप्टन काम कर रहे हैं, विपरीत होगा।

विधानसभा चुनाव के बाद भी क्या चन्नी ही बने रहेंगे पंजाब के मुख्यमंत्री

हालांकि इसकी परवाह किसे है, जब आचार संहिता लगने में कुछ ही समय बाकी है, तब सरकार हर संभव तरीके से अपनी छवि को चमकाने में लगी है। सरकार की ओर से किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को शहीद बताते हुए उनके परिजनों को सरकारी नौकरी और तय मुआवजा देने के लिए भी सूची मांगी है।

कैप्टन फिर रवाना हुए दिल्ली, इस बार मोदी से मुलाकात संभव

कैप्टन अमरिंदर सिंह एक सप्ताह के भीतर दूसरी बार दिल्ली गए हैं। वे पिछले दिनों अपने दिल्ली दौरे के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मिले थे। उस समय ऐसे क्यास लगाए जाने लगे थे कि वे भाजपा में शामिल हो सकते हैं, लेकिन इन खबरों का उन्होंने खुद खंडन किया था

भाजपा के नहीं होंगे कैप्टन अमरिंदर सिंह लेकिन कांग्रेस के भी नहीं रहेंगे

यह केवल पंजाब कांग्रेस नहीं अपितु पूरी कांग्रेस पार्टी के लिए आघात है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उसे छोड़ने का ऐलान कर दिया है। इसकी तैयारी उसी दिन हो चुकी थी जिस दिन कैप्टन राजभवन में अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप कर वापस लौट रहे थे।

कैप्टन अब लड़ना चाहते हैं और संभवत: आखिरी लड़ाई ...

बेशक, कैप्टन की कार्यशैली भी एकछत्र होने की रही है, लेकिन अगर उनके नेतृत्व के भरोसे पार्टी को मोदी लहर में इतनी बड़ी कामयाबी हासिल होती है तो फिर इसका श्रेय भी उन्हें क्योंकर नहीं मिलना चाहिए।

सर्वे : अकालियों की तुलना में दलितों की पहली पसंद रही है कांग्रेस

राज्य में 54 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां दलित कुल मतदाताओं का 30 फीसदी से अधिक हैं। बाकी 45 विधानसभा क्षेत्रों में 20 फीसदी से 30 फीसदी मतदाताओं के बीच दलित हैं।

आखिर नवजोत सिद्धू ने कैप्टन को क्लीनबोल्ड करकेे ही लिया दम

कैप्टन ने सिद्धू को चुप कराने के लिए अपने मंत्रियों को लगाया, विधायकों को जिम्मेदारी सौंपी। लेकिन गुरु तो गुरु निकले, वे जा पहुंचे दिल्ली में बैठे आलाकमान के दरबार में। उन्होंने कांग्रेस आलाकमान के दिल में जगह बनाने के लिए प्रियंका गांधी वढेरा को चुना।

क्या वास्तव में देश की धरोहर जलियांवाला बाग की मौलिकता से की गई है छेड़छाड़ ?

वर्षों पहले किसी इमारत का मूल ढांचा अगर आज की तारीख में बदल दिया जाए तो यह अपनी मौलिकता खो देगा। जलियांवाला बाग को लेकर इस समय यही बात सामने आ रही है। राहुल गांधी जिस छेड़छाड़ की बात कर रहे हैं, वह जलियांवाला बाग में बनी गली और कुएं को लेकर है।

सवाल यह है कि सिद्धू के ईंट से ईंट बजाने के मायने किसके लिए हैं

सिद्धू का यह फैसले लेने देने वाला बयान भी प्रदेश प्रभारी के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि कैप्टन अमरिंदर के नेतृत्व में ही कांग्रेस प्रदेश में अगला चुनाव लड़ेगी।

पंजाब और देश यह बखूबी देख रहा है कि राज्य में आखिर चल क्या रहा है

सिद्धू ने प्रधान पद हासिल करके अपना मनचाहा पा लिया था, इसके बाद यह उम्मीद की जा रही थी कि वे पार्टी ही संभालेंगे और सरकार कैप्टन को चलाने देंगे, लेकिन हकीकत कुछ और ही बन गई है

नशा तस्करी पर ऐसे आरोप भी सामने आ रहे हैं कि तस्करों को राजनीतिक संरक्षण हासिल है

खुद पंजाब सरकार ने राज्य में नशे के आदी लोगों के आंकड़े जारी किए थे। जिसमें वर्ष-2019 के दौरान पंजाब में 80 हजार नए लोगों के नशे का आदी होने की बात कही गई है। आंकड़ों के अनुसार पंजाब में हर रोज औसतन 215 नए लोग नशे का शिकार हो रहे हैं।

पिछले माह तक ऐसी खबरें आ रही थीं कि कैप्टन और सिद्धू के बीच सुलह हो जाएगी

पंजाब में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। निकाय चुनाव में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया था, हालांकि इस वर्ष कोरोना संक्रमण ने पंजाब एवं सरकार के समक्ष गंभीर चुनौती खड़ी कर दी हैं। अगले वर्ष के आखिर तक कैसे हालात रहेंगे और सरकार के प्रति जनता की क्या भावनाएं रहेंगी, इस सबके अलावा कांग्रेस और सरकार के अंदर कैप्टन विरोधियों के जोड़-जमा-घटा का भी पार्टी के प्रदर्शन पर असर रहेगा।

Advertisement