Derabassi news : डेराबस्सी में बरवाला रोड पर स्थित जीबीपी (Gbp) की रोजवुड-2 सोसायटी में आजकल पानी की लो सप्लाई भयंकर सिरदर्द बन चुकी है। ऊपर की मंजिलों पर दो-दो दिन तक पानी की सप्लाई नहीं हो रही। टंकियां आधी खाली रह जाती हैं, जिससे रेजिडेंट्स को न नहाने को पर्याप्त पानी मिल पाता है और न ही अन्य कार्यों के लिए। हालांकि अभी गर्मी का सीजन भी ठीक से नहीं आया है और पानी की अभी से किल्लत निवासियों का पसीना निकालने लगी है। आजकल सोसायटी में अगर किसी की टंकी फुल हो जाए तो वह पार्टी देने के मूड में आ जाता है। सोशल मीडिया पर इसे लेकर खूब चटकारे लिए जाते हैं।
सोसायटियों में आजकल पानी की सप्लाई का बड़ा संकट कायम हो गया है। खासकर रोजवुड एस्टेट-2 (Rosewood estate 2) के रेजिडेंट्स के सामने तो पानी की सप्लाई बहुत बड़ी समस्या बन गई है। ऊपर की मंजिलों पर पानी नहीं चढ़ रहा है, इससे न टंकियां भर पा रही हैं और न ही जरूरत के मुताबिक पानी मिल पा रहा है। रोजवुड-1 और 2 के साथ अन्य सोसायटियों के लिए एक ही बोरवेल से सप्लाई दी जा रही है। जीबीपी के मालिकों ने एजूरे नाम से अपनी मेंटेेनेंस एजेंसी बनाई हुई थी, जिसकी लापरवाही की वजह से रेजिडेंट्स को यह संकट झेलना पड़ रहा है। जीबीपी के मालिकों और एजूरे मेंटेनेंस एजेंसी ने प्रत्येक सोसायटी के लिए अलग बोरवेल की व्यवस्था नहीं की, लेकिन बाद में कर्जदार होने के बाद सोसायटी की सभी समस्याएं जस की तस छोडक़र भाग खड़े हुए।
रोजवुड एस्टेट-2 भुगत रहा सबसे ज्यादा
रोजवुड-1 में बोरवेल होने की वजह से यहां रहने वाले रेजिडेंट्स को न गर्मियों के मौसम में पानी की किल्लत होती है और न ही सर्दियों में। दिक्कत अगर खड़ी होती है तो रोजवुड-2 के निवासियों के सामने। रोजवुड एस्टेट-2 की आरडब्ल्यूए की ओर से नियमित पानी की सप्लाई के सभी प्रबंध किए जाते हैं, लेकिन सप्लाई लाइन पर भारी लोड की वजह से आए दिन कहीं न कहीं पर कुछ न कुछ खराबी आ ही जाती है। बीती गर्मियों में पानी की सप्लाई ठप होने के बाद त्राहिमाम की स्थिति थी और लोगों को दुकानों से पानी खरीद कर पीना पड़ा वहीं आरडब्ल्यूए की ओर से टैंकरों की प्रबंध कराया गया। लेकिन तीसरी मंजिल पर पानी चढ़ाना किसी के लिए भी इतना आसान कार्य नहीं है। यह समस्या भी बोरवेल की सप्लाई लाइन में आए फाल्ट को दूर करने के बाद ही ठीक हो पाई। हालांकि अब फिर समस्या खड़ी हो गई है।
एस्टोनिया होम्स में पानी की बड़ी किल्लत
रोजवुड-2 में एस्टोनिया होम्स के बिल्डर फ्लोर में आजकल बगैर मोटर लगाए पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही। ऐसा इसलिए क्योंकि सप्लाई लाइन में दिक्कत है, बोरवेल की मोटर के पुर्जे घिसने की वजह से वे पूरी तरह काम नहीं कर पा रहे। जिससे सप्लाई बंद हो जाती है। धीमी सप्लाई की समस्या को जूझ रहे रेजिडेंंट्स अपने खर्च पर मोटर का प्रबंध करके लगा रहे हैं, जिससे उनके घर तो पानी की सप्लाई पहुंच जाती है, लेकिन जिन घरों में मोटर नहीं लगी है, वहां पानी का इंतजार ही करना पड़ता है। आजकल के हालात यहां ऐसे हैं कि रेजिडेंट्स दिनभर पानी का इंतजार करते रहते हैं।
सप्लाई लाइन पर भारी दबाव, एक जगह से सभी को पानी
बोरवेल की सप्लाई लाइन पर भारी दबाव है। इसी सप्लाई लाइन से रोजवुड-1 और 2 के अलावा रोजवैली, इको ग्रीन आदि सोसायटियों को पानी की सप्लाई जा रही है। हैरत की बात यह है कि एजूरे सभी सोसायटियों से मेंटेनेंस वसूलती थी, लेकिन रोजवुड-1 और 2 में इस फंड का इस्तेमाल नहीं होता था। यहां रेजिडेंट्स को न सप्लाई का पूरा पानी मिला, न रोड बेहतर बन सके, न पार्कों की सार-संभाल हुई। इसके बावजूद एजूरे की ओर से भारी मेंटेेनेंस भी वसूला जाता था। एजूरे ने सभी सोसायटियों को अपने अंडर में रखा हुआ था, लेकिन अब जब एजूरे और जीबीपी के मालिक भाग चुके हैं, तब भी बाकी सोसायटियों का बोझ रोजवुड-1 और 2 को उठाना पड़ रहा है। जबकि प्रत्येक सोसायटी से जो मेंटेनेंस वसूला जा रहा है, वह उसी सोसायटी में इस्तेमाल हो रहा है।
रेजिडेंट्स नहीं कर रहे मेंटेनेंस पे, कैसे हों काम
एक समय सभी सोसायटियों में न मकान इतने थे, और न ही रेजिडेंट्स। लेकिन जैसे-जैसे सोसायटी पूरी तरह डेवलप हो रही हैं, पानी का संकट गहराता जा रहा है। उनके मुताबिक अगर रोजवुड इस्टेट-2 की ही बात करें तो यहां सबसे बड़ी समस्या मेंटेनेंस अदा न करने की हो गई है। इसका सीधा संबंध सोसायटी के कामकाज और रखरखाव पर पड़ रहा है। एजूरे के जाने के बाद जब रोजवुड-2 की आरडब्ल्यूए ने कामकाज संभाला तो एजूरे के पेंडिंग छोड़े बिल की अदायगी में ही ज्यादातर फंड लग गए। इसके बाद आरडब्ल्यूए की ओर से रेजिडेंट्स से लगातार इसकी गुहार की गई है कि वे अपने मेंटेनेंस की अदायगी हर महीने और समय पर करें लेकिन ज्यादातर रेजिडेंट्स इसकी परवाह नहीं कर रहे। गौरतलब है कि रोजवुड-2 में राजनीति हावी है और पुरानी आरडब्ल्यूए को हटाया जा चुका है। उस समय सोसायटी में अनेक लोगों की ओर से पुरानी आरडब्ल्यूए के प्रति लोगों को भड़काने का भी आरोप है। उस समय निवासियों को यह कहकर भड़काया जाता था कि मेंटेनेंस पे मत करो क्योंकि आरडब्ल्यूए काम नहीं कर रही। हालांकि अब जब नई आरडब्लूए बनाई जा चुकी है तो उसके सामने भी मेंटेनेंस न मिलने की समस्या बनी हुई है। हालांकि सोसायटी में लोग कह रहे हैं कि साजिश के तहत पुरानी आरडब्ल्यूए को हटाया गया और उसके पदाधिकारियों पर झूठेे आरोप लगाए गए।
नया बोरवेल लगने की जरूरत लेकिन खर्च बहुत
आरडब्ल्यूए सदस्य लक्ष्य राणा के अनुसार जीबीपी के मालिकों ने तो सोसायटी की अपनी सीवरेज लाइन का प्रबंध नहीं किया था, सोसायटी का सीवरेज अब सरकारी सीवरेज लाइन में जा रहा है, अभी तक यह चल रहा है, लेकिन अब इस पर नगर परिषद की ओर से आपत्ति हुई तो यह खर्च भी सोसायटी की आरडब्ल्यूए को ही उठाना पड़ सकता है जोकि करोड़ों में होगा। उन्होंने कहा कि रोजवुड-2 के लिए नए बोरवेल की जरूरत है, लेकिन इसका खर्च रेजिडेंट्स के लिए उठाना संभव नहीं है, पंजाब सरकार अगर रेजिडेंट्स की समस्याओं को समझे तो सप्लाई के पानी की व्यवस्था करा सकती है। उसका खर्च आरडब्ल्यूए अपनी तरफ से उठाएगी। उन्होंने कहा कि पानी की किल्लत को देखते हुए इस संबंध में राज्य सरकार के शहरी निकाय विभाग को पत्र लिखा जा रहा है।