इसहफ्ते न्यूज / चंडीगढ़
आजकल पंजाब कांग्रेस में कैप्टन अमरिंदर के हर मुवमेंट को बारीकी से देखा जा रहा है। कांग्रेसी उस कदम का इंतजार कर रहेे हैं, जिसकी आहट कैप्टन की ओर से पिछले हफ्ते दी गई थी। कैप्टन कांग्रेस के करीब डेढ़ से दो दर्जन से ज्यादा विधायकों के साथ संपर्क में हैं। यही कारण है कि पार्टी हाईकमान ने राजस्थान के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी को चंडीगढ़ भेजा हुआ है। वे चार दिन से चंडीगढ़ में ही हैं।
पंजाब की सियासत में उतार-चढ़ाव जारी है, पिछले दिनों ही दिल्ली का दौरा करके कांग्रेस छोडऩे का ऐलान कर चुके पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह फिर दिल्ली चले गए हैं। बुधवार को वे एकाएक राजधानी के लिए रवाना हुए। ऐसी अटकलें हैं कि वे इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकते हैं। कैप्टन कांग्रेस नेताओं से दूरी बना चुके हैं और भाजपा नेताओं से उनकी मुलाकातें नया गुल खिलने की उम्मीदें पैदा कर रही हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कैप्टन अमरिंदर सिंह एक सप्ताह के भीतर दूसरी बार दिल्ली गए हैं। वे पिछले दिनों अपने दिल्ली दौरे के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मिले थे। उस समय ऐसे क्यास लगाए जाने लगे थे कि वे भाजपा में शामिल हो सकते हैं, लेकिन इन खबरों का उन्होंने खुद खंडन किया था। यह भी खूब है कि मुख्यमंत्री रहते किसान आंदोलनकारियों का भरपूर समर्थन करने वाले कैप्टन आजकल उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में योगी सरकार और विपक्षी दलों के बीच चल रहे संघर्ष में एक-एक नपा-तुला शब्द सामने ला रहे हैं। संभव है, अगर वे इस समय मुख्यमंत्री होते तो केंद्र की मोदी एवं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर तोप तान चुके होते। खैर, राजनीतिक हवाओं को भांप कर चलना ही कुशल राजनीतिक की पहचान है। कैप्टन भाजपा में शामिल होने से इनकार कर चुके हैं, लेकिन भाजपा से उनकी बढ़ती नजदीकी किसी नए घटनाक्रम का संकेत भी नजर आ रहा है। कांग्रेस को अलविदा कहने के बाद उनके द्वारा अलग पार्टी या मोर्चा बनाने की चर्चाएं शुरू हो गई थी।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार कैप्टन अमरिंदर के इस तरह अचानक दिल्ली जाने से पंजाब कांग्रेस में भी सुगबुगाहट शुरू हो गई है कि वह अपना अगला कदम क्या उठा सकते हैं। बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी ने उनसे मुलाकात की। माना जा रहा है कि कैप्टन भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात कर सकते हैं। क्योंकि, पिछली बार पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात की थी। हालांकि कैप्टन के दिल्ली दौरे को लेकर सस्पेंस बना हुआ है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि वे कांग्रेस छोड़ने जा रहे हैं। तभी से राजनीतिक गलियारों में उनके अगले कदम को लेकर चर्चा चल रही है। सबसे ज्यादा खौफ कांग्रेस में ही देखने को मिल रहा है, क्योंकि कैप्टन कांग्रेस के करीब डेढ़ से दो दर्जन से ज्यादा विधायकों के साथ संपर्क में हैं। यही कारण है कि पार्टी हाईकमान ने राजस्थान के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी को चंडीगढ़ भेजा हुआ है। वह चार दिन से चंडीगढ़ में ही है।
हरीश चौधरी लगातार कांग्रेस के विधायकों के साथ संपर्क में हैं। आधिकारिक रूप से तो कहा जा रहा है कि हरीश चौधरी इसके साथ ही मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश प्रधान पद से इस्तीफा देने वाले नवजोत सिंह सिद्धू के बीच की दूरियों को मिटाने व पार्टी के लिए अगली रणनीति तय करने के लिए चंडीगढ़ में टिके हैं। लेकिन, पार्टी सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस को यह भी चिंता है कि कैप्टन अगला कदम क्या उठाने जा रहे हैं, ताकि वह पार्टी में टूट की कोशिशों को समय रहते हुए उसको विफल कर सकें।