जिन राव को सोनिया ने पीएम बनाया, नाराज हुई तो उनका मरा मुंह भी नहीं देखा
23 दिसंबर, 2004 को राव ने एम्स में अंतिम सांस ली और उनका शव लेकर एयरफोर्स की गाड़ी 10 जनपथ के बाहर आधे घंटे खड़ी रही। जब दरवाजा नहीं खुला तो गाड़ी हवाई अड्डे की तरफ बढ़ गई। इससे पहले, निधन के बाद नेताओं के शवों को अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलि के लिए कांग्रेस मुख्यालय में रखे जाने की परंपरा चली आ रही थी।