GBP Derabassi news: डेराबस्सी : डेराबस्सी स्थित जीबीपी की रोजवुड-2 सोसायटी में कब क्या घट जाए, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। सोसायटी के अंदर आजकल ऐसे तत्वों की भरमार है जोकि आतंक पैदा कर दूसरे रेजिडेंट के लिए मुश्किल खड़ी करने में लगे हैं। इनमें सभी आयुवर्ग के लोग शामिल हैं। एक वीडियो सामने आ रहा है, जोकि 14-15 अगस्त की रात का है। इस वीडियो में पांच आवारागर्द लड़कों का झुंड रात के 1.15 बजे के करीब एक गाड़ी पर हमला करते हुए दिखाई दे रहा है।
गाड़ी पर हमले की आवाज सुनाई दी
आवारागर्दों के इस झुंड में आगे चल रहा एक लड़का 1482 नंबर के मकान के साथ खड़ी गाड़ी जोकि सड़क के दूसरी तरफ रहने वाले एक व्यक्ति की है, पर किसी चीज से जोरदार वार करता है और इसके बाद उसके ठीक पीछे चल रहा दूसरा लड़का गाड़ी के शीशे पर मुक्का या कुछ हथियार टाइप चीज मारता दिख रहा है। इस दौरान गाड़ी की सभी अलार्मिंग लाइट जलने लगती हैं और आवारागर्द लड़कों का यह झुंड घर के लोगों की आवाज सुनने के बाद भाग जाता है।
देर रात आफिस से लौटे थे घर
फ्लैट नंबर 1344 के रेजिडेंट तेजस्वी सिंह ने बताया कि 14-15 अगस्त की रात करीब 1.15 बजे उन्हें घर के बाहर कुछ आहट सुनाई दी। कोई जोर से बात करता हुआ चल रहा था। इसके कुछ क्षणों में गाड़ी पर जोर से वार करने जैसी आवाज सुनाई दी। उन्हें लगा जैसे घर के बाहर सड़क पर कोई धमाका हुआ है। इसके बाद जब उन्होंने बालकनी से बाहर निकल कर देखा तो मालूम हुआ कि उनकी गाड़ी पर किसी ने हमला किया है। रेजिडेंट ने बताया कि जब वे बालकनी में देखने आए तो गाड़ी की लाइट जल-बुझ रही थी और आवारागर्द लड़कों का एक झुंड वहां से भाग कर 1346 की तरफ दौड़ रहा था। रेजिडेंट ने बताया कि यह पूरी तरह से अप्रत्याशित था। कौन सोच सकता है कि जिस सोसायटी के गेट पर सुरक्षा के लिए सुरक्षागार्ड तैनात हों, उसके अंदर ऐसे आवारागर्द किसी की शह पर इस प्रकार किसी व्यक्ति विशेष की गाड़ी पर हमला कर उसे परेशान करने की नीयत से, उसकी गाड़ी को नुकसान पहुंचाने की मंशा से और झगड़े के लिए उकसाने की सोच से ऐसा कृत्य करेंगे।
एक घंटे बाद फिर उसी जगह पहुंचा एक आवारागर्द
तेजस्वी सिंह ने बताया इस घटना के बाद वे नीचे उतरे और वहां के हालात देखे। मौके पर किसी की चप्पल या जूता जैसा पड़ा था। संभव है आवाज सुनने के बाद जब आवारागर्द वहां से भागे तो पैरों में पहनी चप्पलें वहीं छोड़ गए। सबसे हैरानी की बात यह है कि इस वारदात के बाद रात करीब 2.30 बजे अपराधी तत्वों में से एक फिर से उसी जगह आता है और चप्पल को पैरों में फंसा कर भाग जाता है। उन्होंने बताया कि यह भी कौन सोच सकता है कि इतनी रात गए कोई ऐसा दुस्साहस अंजाम देगा, जबकि पूरा देश अगली सुबह स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारी में है, लेकिन रोजवुड-2 सोसायटी के अंदर आवारागर्द और अपराधी प्रवृत्ति के असामाजिक तत्व इस प्रकार सोसायटी की सड़क पर भटकते हुए किसी व्यक्ति विशेष से रंजिश निकालने की तैयारी में है।
सीसीटीवी कैमरों ने खोला पूरा सच
रेजिडेंट तेजस्वी सिंह ने बताया कि इस वारदात के बाद उन्होंने घर पर लगे सीसीटीवी कैमरों को चैक किया तो पूरी वारदात का खुलासा हो गया। इसमें चार आवारागर्द 1482 नंबर के मकान की तरफ की सड़क से आते हैं और अपनी दाईं तरफ मुड़ते हुए वहां खड़ी गाड़ी पर हमला करते हैं। उनके साथ चल रहा एक आवारागर्द सोसायटी की सड़क पर घूमते हुए वीडियो भी बना रहा था। संभव है, उसने इस घटना का भी वीडियो बनाया है। इस बीच एक पांचवां आवारागर्द उनसे पहले गाड़ी के पास पहुंचा नजर आ रहा है, जैसे वह इस पूरे घटनाक्रम की रेकी कर रहा था।
उन्होंने पूछा कि सवाल यह भी है कि आखिर ऐसे में सोसायटी की सुरक्षा किसके हवाले है? पूरी सोसायटी में सिर्फ एक व्यक्ति और उसकी प्राॅपर्टी को नुकसान पहुंचाने की यह चेष्टा क्यों। रेजिडेंट तेजस्वी सिंह ने बताया कि उनके पिता भारत भूषण सीनियर जर्नलिस्ट हैं और चंडीगढ़ में एक नेशनल डेली न्यूजपेपर में कार्यरत हैं। वे देर रात घर पहुंचते हैं। 14 अगस्त की रात को वे देर से घर पहुंचे थे, जिसकी वजह से यह वारदात पकड़ में आ गई। वरना इतनी रात गए कुछ भी हो सकता है, किसे पता चलेगा।
सोसायटी में आवारागर्दों का आलम
सोसायटी में इस तरह की वारदातों की वजह क्या है कि पत्रकार और उसके परिवार को लगातार निशाना बनाया जा रहा है, उनके संबंध में सोसायटी के ग्रुप में अभद्र और गैरकानूनी बातें कही जा रही हैं और एक सोच के लोग हां में हां मिला रहे हैं। क्या आवारागर्द लड़कों के झुंड की इस वारदात के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से ऐसे लोग जिम्मेदार नहीं हैं, जोकि अपनी कुंठा को शांत करने के लिए लड़कों का इस्तेमाल कर रहे हैं। सवाल यह भी है कि आखिर ऐसे आवारागर्द लड़कों का भविष्य क्या रहने वाला है, वे वही रेहड़ी-फड़ी या फिर टैक्सी चलाने का धंधा करते हुए उन लोगों के लिए समस्या बनते रहेंगे जोकि देश की तरक्की में अपना योगदान दे रहे हैं या फिर देने के लिए तैयार हो रहे हैं। ऐसे असामाजिक तत्वों की पहचान इसी प्रकार हो जाती है। ऐेसे में इस साेसायटी का भविष्य भी तय हो चुका है।
सोसायटी बनी टापू, अंदर कुछ भी घटे बाहर किसे पता चलेगा
हैरानी इस बात की है कि आसपास रहने वाले हर शख्स को इसकी जानकारी है कि घर पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, क्योंकि यहां रहने वाले कई असामाजिक तत्वों की वजह से ही संबंधित परिवार ने इन सीसीटीवी कैमरों को लगवाया है। कैमरों की जानकारी होने के बाद भी ऐसे आवारागर्द तत्वों के द्वारा ऐसी हरकत करना यह बताता है कि सोसायटी में किसी का संरक्षण ऐसे तत्वों को हासिल है। यह पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी पत्रकार के फ्लैट के ऊपर आवारागर्द को आवारागर्दी करते पकड़ा जा चुका है, और जब इसकी शिकायत सोसायटी के व्हाट्सएप ग्रुप में की गई तो असामाजिक तत्व आरोपियों के ही समर्थन में आ खड़े हुए। क्योंकि उन्हें उनकी मौजूदगी ही रास आती है। और ऐसा बहुत पहले से होता आ रहा है, जब संबंधित परिवार की ओर से कही गई बातों को फेक न्यूज कहकर उनका मजाक उड़ाया गया है। हालत तो तब और बदतर हुए जब एक व्हाट्सएप ग्रुप से उन्हें रिमूव ही कर दिया गया ताकि वे अपनी बात सोसायटी के लोगों को न बता सकें और अपराधियों का सच सामने न आ सके।
बताया गया है कि सोसायटी में जिन्होंने चौधर की चाबी पकड़ी हुई है, वे भी इससे पहले अनेक लोगों से बदमाशी के आरोपी हैं, उनके वीडियो और सीसीटीवी फुटेज तैयार हो चुकी हैं। यह वारदात उस समाज पर भी सवाल है जोकि गलत होते हुए घटते देखकर भी अपनी आंखें बंद रखता है। ऐसे में क्या सोसायटी में ऐसे आवारागर्द ही रहेंगे? संभव है, सोसायटी में ऐसी वारदात को अंजाम देने वाले आवारागर्दों का ही बचाव किया जाए, क्योंकि कुछ 'असामाजिक तत्व' यही चाहते हैं, वे अपने दिल एक व्यक्ति विशेष के प्रति सोसायटी के व्हाट्सएप ग्रुप में गंदे और अशोभनीय मैसेज डालकर ठंडे करते रहते हैं और हैरानी की बात यह है कि सोसायटी में ऐसे लोग नजर ही नहीं आते, जोकि सही को सही और गलत को गलत कह सकेें। वे या तो किसी खौफ में हैं या फिर उन्हें इसका अहसास ही नहीं है कि समाज के प्रति जिम्मेदारी क्या होती है।
इन हरकतों ने सोसायटी को किया बदनाम
इसके सबूत हैं कि पिछले कुछ समय से सोसायटी जिसे इन हरकतों की वजह से कॉलोनी कहना ज्यादा सही है, में ऐसी हरकतें अंजाम दी रही हैं। इनमें किसी की प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाना, उसके और परिवार के संबंध में अनाप-शनाप बोलना और सोसायटी के गुंडों को इक्ट्ठा करके उन्हें धमकाना और जान से मारने की धमकी जैसे संगीन अपराधों को अंजाम दिया जा चुका है। सीनियर जर्नलिस्ट भारत भूषण के अनुसार सोसायटी का माहौल बेहद खराब किया जा चुका है और इसके पीछे कुछ लोग हैं।
आपराधिक तत्वों को यहां मेनस्ट्रीम में आने का मौका मिला है तो वे अपनी गुंडई से लोगों का मुंह बंद करना चाहते हैं। उन्होंने एक जगह को अपना ठिकाना बना लिया है। प्रश्न यह भी है कि क्या आपको अपना समय और एनर्जी ऐसे गुंडातत्वों से टकराने और उनको जवाब देने में खर्च करनी चाहिए या फिर अपने और अपने परिवार के भविष्य की सोचनी चाहिए। क्योंकि ऐसी नीच हरकतें वही कर सकते हैं जिनका कोई भविष्य नहीं है, वे सोसायटी की सड़कों पर आवारागर्दी के लिए ही रह गए हैं। जिन्हें अपनी और अपने परिवार के भविष्य की चिंता होगी, वह ऐसा नहीं करेगा। सड़क के रोड़े सड़क पर ही पड़े रह जाएंगे और कोई उन्हें ठोकर मार कर आगे निकल जाएगा।