इसहफ्ते न्यूज. चंडीगढ़
Punjab Assembly election 2022: क्या आज के समय एक आम आदमी चुनाव लडऩे की सोच सकता है? मेहनत और ईमानदारी की रोटी खा रहा रोड के किनारे चलने वाला आदमी भारतीय राजनीति में सिर्फ और सिर्फ वोट डालने की सोच सकता है, उसकी औकात किसी नगर परिषद के पार्षद का चुनाव लड़ने की भी नहीं है। यही बात पंचायत चुनाव में एक पंच पद का चुनाव लड़ने पर भी लागू होती है।
पंजाब विधानसभा चुनाव की ही बात करेंं तो राज्य में चुनाव लड़ रहे 521 उम्मीदवारों के पास करोड़ों रुपये की संपत्ति है। प्रत्येक चुनाव के बाद यह सम्पत्ति बढ़ती ही जाती है। जो आम आदमी पार्टी आम आदमी को आगे बढ़ाने की राजनीति का दावा कर रही है, उसमें 81 उम्मीदवार ऐसे हैं, जोकि करोड़पति हैं। किसी उम्मीदवार के पास धन होना अपराध नहीं है, लेकिन राजनीति में आने का आधार आज की तारीख में पैसा हो गया है।
बिल्डर, कारोबारी, उद्यमी, रिटायर्ड अफसर, फिल्म कलाकारों आदि के लिए राजनीति अब शौक हो गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल से एक टीवी कार्यक्रम में यह सवाल पूछा गया था कि दूसरी पार्टियों के लोगों को भी आप में शामिल करके उन्हें टिकट दे दिया गया है, जबकि आप दूसरी पार्टियों में रहते समय उन नेताओं को गलत बताती रही है, ऐसा क्यों?
इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हर पार्टी में अच्छे लोग होते हैं, जोकि वहां घुटन महसूस कर रहे होते हैं। उन्हें हम प्रोत्साहित करते हैं कि वे हमारे साथ आकर अच्छा काम करें। बेशक, केजरीवाल का यह कहना सही है, लेकिन आखिर आम आदमी पार्टी जोकि गरीब आदमी का भला करने का दावा करती है, क्या यह बताएगी कि आखिर 238 करोड़ की सम्पत्ति वाले एक नेता को टिकट देकर क्या साबित करना चाहती है?
क्या यह माना जाए कि दूसरी पार्टियों से अलग होने का दावा करने वाली पार्टी अब महज दिखावा कर रही है। टिकट आंवटन का फार्मूला अब किसी के नैतिक और सिद्धांतवादी होना नहीं रह गया है, अपितु मालदार होना हो गया है। गौरतलब है कि पंजाब इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफाम्र्स की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चुनाव में दागी उम्मीदवारों की भरमार है।
उम्मीदवारों की ओर से पेश किए गए हलफनामे के आधार पर तैयार इस रिपोर्ट में 1304 उम्मीदवारों में से 1276 का विश्लेषण किया गया है। इनमें से 315 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। शिरोमणि अकाली दल के 96 उम्मीदवारों में से 65 उम्मीदवारों मामले दर्ज हैं, तो आम आदमी पार्टी के 117 में से 58 उम्मीदवारों पर केस दर्ज हैं।
खुद के कभी अलग होने का दावा करने वाली भाजपा को भी अब साफ छवि के उम्मीदवार नहीं मिल रहे, इसलिए दागियों को टिकट देना पड़ रहा है। पार्टी के 71 में से 27, कांग्रेस के 117 में से 16 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। शिअद संयुक्त के 14 में से 4 तो बसपा के 20 में से तीन और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस के 27 में से 3 उम्मीदवार दागी हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य में तीन हलके ऐसे हैं, जहां तीन या इससे अधिक ऐसे प्रत्याशी हैं, जिन पर केस दर्ज हैं। चुनाव आयोग ने इन हलकों को रेड अलर्ट हलका की संज्ञा दी है।
मालूम हो, दो उम्मीदवारों पर रेप, चार पर कत्ल और 33 के खिलाफ कत्ल की कोशिश का मामला दर्ज है। वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद इस बार दागी उम्मीदवारों की संख्या ज्यादा है। पांच साल पहले 1145 प्रत्याशियों में से 218 पर केस दर्ज थे, जिनमें से 77 पर गंभीर मामले थे।
कितने उम्मीदवारों पर कितने केस
315 पर आपराधिक केस दर्ज
218 पर गंभीर आपराधिक मामले
15 पर महिला उत्पीडऩ के मामले
57 हलकों में तीन या उससे उम्मीदवारों पर केस