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बैंकिंग सेक्टर में सफलता के 25 साल पूरे कर चुके सुनील मोंगिया कहते हैं- जीवन में प्रयास करना मत छोड़िए, मंजिल जरूर मिलेगी

चंडीगढ़ में सेक्टर-8 स्थित पंजाब नेशनल बैंक में वरिष्ठ उप शाखा प्रबंधक मोंगिया बता रहे हैं अपने जीवन के संघर्ष और इस दौरान आए बदलावों की कहानी

20 अगस्त, 2023 10:51 AM
चंडीगढ़ सेक्टर 8 में पीएनबी ब्रांच में वरिष्ठ शाखा प्रबंधक सुनील मोंगिया स्टाफ के साथ।

 A bankers positive notes: चंडीगढ़ : यह कहानी हिम्मत और हौसले की है। सामान्य जीवन में तमाम ऐसे लोग मिलते हैं जोकि किसी मुकाम पर पहुंचे होते हैं, लेकिन उस मुकाम तक पहुंचने की उनकी यात्रा की जानकारी केवल उन्हें या फिर उनके परिवार के लोगों को होती है। कोई नहीं जानता होता है कि किसी मंजिल तक पहुंचने के लिए किसी ने अपनी कितनी रातों की नींद उड़ाई हैं, किसी को नहीं पता होता कि किस प्रकार दिन का चैन खोया है। यह भी नहीं मालूम होता कि पगडंडी पर कितने कांटे झेले हैं और कितनी खाइयों से गुजर कर यहां तक पहुंचे हैं। दरअसल, जिंदगी इसी तरह की होती है, कोई नहीं बता सकता कि किसके भविष्य में क्या है, बस गीता में भगवान श्रीकृष्ण के उपदेश के प्रकाश में कर्म करते हुए आगे से आगे बढ़ते जाना होता है।

 

हाईकोर्ट में क्लेरिकल जॉब से की शुरुआत


बैंकिग सेक्टर से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी सुनील मोंगिया ऐसे ही व्यक्तित्व के धनी हैं। वे आजकल चंडीगढ़ में सेक्टर-8 स्थित पंजाब नेशनल बैंक में वरिष्ठ उप शाखा प्रबंधक हैं। उन्होंने अपने बैंकिंग करियर में 25 वर्ष सफलतापूर्वक पूरे किए हैं। वे बताते हैं कि उन्होंने अपनी आजीविका की शुरुआत पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में क्लेरिकल पोस्ट से की थी, लेकिन मन में कुछ और चल रहा था। यह साल 1998 की बात है, तब बैंकिंग सेक्टर की नौकरी के प्रति युवाओं में बहुत आकर्षण होता था। कॉलेजों में बीकॉम के छात्र ही ज्यादा मिलते थे, क्योंकि बीकॉम करना बैंकिंग समेत दूसरी नौकरियों के लिए सफलता की गारंटी माना जाता था।

 

पत्नी लेकर आई सौभाग्य
सुनील मोंगिया बताते हैं, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में नौकरी के साथ ही उन्होंने बैंकिंग सेक्टर में आने के लिए तैयारी शुरू कर दी थी। मन में कुछ बड़ा करने की लगन थी। उन्होंने कोचिंग शुरू की और फिर एग्जाम दिया। उनकी फैमिली में कोई भी बैंकिंग सेक्टर में नहीं था। वे यूपीएससी, बैंक पीओ आदि के लिए एग्जाम देते गए और एक दिन ओबीसी के लिए उनका सिलेक्शन हो गया। उनकी शादी हो चुकी थी, और इसके छह माह बाद उन्हें बैंक की नौकरी भी हासिल हो गई। परिवार में कहा गया कि पत्नी उनके लिए सौभाग्य लेकर आई।

 

पहली पोस्टिंग मोरिंडा में हुई
मोंगिया कहते हैं, उनकी पहली पोस्टिंग मोरिंडा में हुई। वहां स्टाफ अच्छा था, सीखने को बहुत कुछ था। मन में जोश होता था और पब्लिक से जुड़ कर उसके काम पूरे करने का अनूठा उत्साह था। वह समय बैंकिंग सेक्टर के लिए भी चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही थी, सरकार नए सुधार ला रही थी। बैंकों और जनता के बीच कुछ दूरी थी, क्योंकि बैंकों की पॉलिसी भी इतनी पब्लिक फ्रेंडली नहीं थी, लेकिन फिर धीरे-धीरे समय बदला और बैंकिंग सेक्टर में रिफॉर्म होते गए।

 

एक व्यक्ति की जिंदगी भी बैंक के समान
सुनील मोंगिया बताते हैं, समय के साथ बैंकों ने खुद को भी बहुत चेंज किया है। आज का समय टेक्नोलॉजी का है और इसके अनुसार हमें चलना है। हमें जीवन में भी आगे बढ़ने के लिए इसी प्रकार सुधार, बदलाव करते रहना पड़ता है। एक व्यक्ति की जिंदगी बैंक के समान ही होती है, यह बैंक विचारों का, अच्छी सोच का है। आपके पास जितने अच्छे विचार होंगे, उतनी ही बड़ी जमापूंजी आपके पास होगी और इस पूंजी पर आगे अच्छी सोच का ब्याज लगता जाएगा। आपकी सकारात्मकता आपको समृद्ध बनाती है और एक बैंक जितना समृद्ध होगा, वह उतना ही बड़ा बनता जाएगा।

 

जिंदगी में प्रयासरत रहना ही कामयाबी की सीढ़ी
बैंक अधिकारी सुनील मोंगिया बताते हैं कि वे हरियाणा के करनाल शहर से वास्ता रखते हैं। वे अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए कहते हैं कि उस समय डीएवी कॉलेज में कॉमर्स की पढ़ाई के दौरान ही उन्हें इसकी लगन लग गई थी कि बैंक की नौकरी में जाना है। उन्होंने एमकॉम के अलावा अन्य उच्च डिग्री हासिल की और बाद में सर्विस में रहते हुए भी विभिन्न सर्टिफिकेट कोर्स करते रहे और अपने ज्ञान को बढ़ाते रहे। उनके अनुसार जिंदगी में लगातार जत्न, प्रयास करते रहना चाहिए। क्योंकि इसी तरह से हम अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं। हमारी मंजिल अपने घर, परिवार, समाज और देश की बेहतरी होनी चाहिए।

 

बैंक स्टाफ ने किया अभिनंदन
सेक्टर-8 की पीएनबी ब्रांच में सुनील मोंगिया का उनके सहयोगी स्टाफ ने बैंकिंग सेक्टर में 25 वर्ष पूरे करने की उपलब्धि के लिए उनका अभिनंदन किया। बैंक स्टाफ का कहना है कि मोंगिया मृदुभाषी और सबको साथ लेकर चलने वाले अधिकारी हैं।

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