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राम जी की टोली की आध्यात्मिक यात्रा अनवरत जारी, लगातार 25वें मंगलवार किया हनुमान चालीसा का पाठ

जीरकपुर के मंदिरों में प्रत्येक मंगलवार को सज रहा राम दरबार, एक छोटी सी मुहिम बन रहा बड़ा अभियान

19 अप्रैल, 2023 10:47 PM
राम की टोली की सदस्य महिलाएं भजन कीर्तन करते हुए।

#Ram ji ki toli in zirakpur :  आस्था के सहारे सागर भी पार हो सकता है। आस्था का होना जीवन के प्राणवान होने का परिचायक है। कोई आस्थावान होकर भगवान का नित नाम स्मरण कर रहा है तो समझिए यह ईश्वर की ही अनुकंपा है। मंदिर-मंदिर और सोसायटी-सोसायटी जाकर सनातन धर्म का अलख जगा रही रामजी की टोली के सदस्य जहां स्वयं ईश्वर भक्ति में लीन हैं, वहीं अपनी इसी आस्था के सहारे दूसरों को भी ईश्वर भक्ति को प्रेरित कर रहे हैं।

बाधाओं को पार कर 25वें मंगलवार को हुई भजन-संध्या
विभिन्न बाधाओं को पार कर राम जी की टोली ने लगातार 25वें मंगलवार (18 अप्रैल) को स्वामी रविदास और शिव इच्छापूर्ति मंदिर अम्बेडकर नगर ढकोली जीरकपुर में हनुमान चालीसा का पाठ किया। रामजी की टोली की मुखिया गीता अम्बष्टा ने टोली के सभी सदस्यों का इस पुनीत कार्य में सहयोग के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि जहां राम नाम का स्वर गूंजे वहां बजरंग बली साक्षात विराज कर सभी कठिनाइयों को चुटकी में सुलझा देते हैं। टोली के सभी सदस्य राम नाम वाला चोला ओढ़ कर जब हनुमान चालिसा का पाठ करने निकलते हैं तो यह अपने आप में अद्भुत दृश्य होता है। टोली की सदस्य रेशमा रानी कहती हैं कि जब मैं राम नाम का चोला ओढक़र निकलती हूं तो अहसास होता है, जैसे राम नाम के रंग में सराबोर हो गई हूं।

बीते वर्ष 18 अक्तूबर को हुई थी शुरुआत
राम जी की टोली की शुरुआत 18 अक्तूबर 2022 को गीता अम्बष्टा, रेशमा रानी, सोनम बहुगुणा, शशि शर्मा, नीरू वधवा, रेणु शर्मा, पवन नाहर, शारदा शर्मा, सुरेश शर्मा इत्यादि के द्वारा की गई थी। गीता अम्बष्टा बताती हैं कि अभी तक ग्रहण के कारण दो मंगलवार को पाठ नहीं हो पाया। इस दौरान हरे रामा हरे कृष्णा भजन, हनुमान चालीसा, संकट मोचन, बजरंग बाण, 108 राम नाम की माला और एक भजन के द्वारा रामनाम लिया जाता है।

क्या मकसद है इस धार्मिक समूह का
सामाजिक सद्भावना के तहत रामजी की टोली की स्थापना गीता अम्बष्टा ने की। इसका उद्देश्य धर्म, संस्कृति और अध्यात्म के द्वारा समाज के हर वर्ग के लोगों को बिना किसी ऊंच-नीच का भेदभाव किए एकता के सूत्र में पिरोना और हनुमान चालिसा पाठ के द्वारा समाज के सभी वर्गों को एक जगह एकत्रित करना है। गीता अम्बष्टा कहती हैं कि हमारी टोली ने संकल्प लिया है कि जीरकपुर के अलग-अलग 108 मंदिरों और सोसायटीज में हनुमान चालीसा का पाठ प्रत्येक मंगलवार को करना है। टोली की सदस्य नीरू वधवा कहती हैं, भगवान के नाम से वह ऊर्जा मिलती है, जोकि जीवन की मुश्किलों से लडऩे का साहस देती हैं।

समाज में सभी का साथ आना जरूरी


गीता अम्बष्टा कहती हैं कि धर्म-संस्कृति और अध्यात्म के द्वारा समाज के हर वर्ग के लोगों को साथ आना चाहिए। समाज में ऊंच-नीच खत्म हो और एकता आए। उन्होंने कहा कि आज के परिवेश में अलग-थलग पड़े समाज के कई वर्ग एक दूसरे से मिलने-जुलने में संकोच करने लगे हैं। ऊंच-नीच का भेदभाव इस हद तक बढ़ चुका है कि समाज में रहन-सहन के साथ-साथ सौहार्द खत्म हो चुका है। इस कारण हमने निर्णय लिया कि भगवान का भजन कीर्तन करते हुए समाज में भ्रातृभाव को संजोने का काम करेंगे। उनके अनुसार इस मुहिम में सभी का सहयोग मिल रहा है, जोकि ईश्वर की कृपा का ही प्रतिफल है। समय के साथ टोली में नए सदस्य जुड़ रहे हैं और धीरे-धीरे यह एक काफिला बन गया है, जिसका मकसद धर्म की ध्वजा को फहराना है।

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