इसहफ्ते न्यूज. चंडीगढ़
chandigarh administration startups policy : चंडीगढ़ प्रशासन स्टार्टअप को सहायता प्रदान कराने के लिए पॉलिसी तैयार करेगा। इस पॉलिसी के माध्यम से चंडीगढ़ को देश की स्टार्टअप कैपिटल के तौर पर विकसित किया जाएगा। स्टार्टअप हब बनाने के लिए प्रशासन ने 31 मार्च तक इस पॉलिसी को तैयार करने का लक्ष्य तय किया है।
हालांकि केंद्र सरकार ने पहले ही स्टार्टअप पॉलिसी तैयार कर ली है, लेकिन यह पॉलिसी चंडीगढ़ के संबंध में फिट नहीं बैठ रही। इसमें कई ऐसे प्रावधान हैं जिनमें बदलाव की जरूरत समझी जा रही है। एसोचैम चंडीगढ़ के चेयरमैन सिमरप्रीत सिंह के अनुसार शहर में ऐसे सैकड़ों स्टार्टअप हैं जो कि ट्राईसिटी से शुरू हुए या चंडीगढ़ के युवाओं ने इन्हें शुरू किया, लेकिन बाद में अन्य शहरों में शिफ्ट हो गए।
- बेंगलुरु में एयरपोर्ट से आईटी पार्क जाने में कई घंटे लग जाते हैं, ट्राईसिटी में 15 से आधे घंटे के अंदर कहीं भी पहुंचा जा सकता है। यहां उन शहरों से कहीं ज्यादा सुविधाएं हैं, लेकिन फिर भी यह महज ट्रांजिट सिटी बनकर रह गया है। प्रशासन के इंडस्ट्री डिपार्टमेंट ने विशेषज्ञों से रोक लेकर इस पॉलिसी ड्राफ्ट की तैयारी शुरू की है। शुरुआत में एसोचैम चंडीगढ़ के सदस्यों ने इस पर चर्चा की।
- प्रशासन में इंडस्ट्रीज की सेक्रेटरी हरगुनजीत कौर का कहना है कि केंद्र सरकार ने स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए पॉलिसी बनाई है, उसमें कई चीजें ऐसी हैं, जिनमें चंडीगढ़ को देखते हुए परिवर्तन किए जाने की आवश्यकता है। चंडीगढ़ के लिए नई स्टार्टअप पॉलिसी बनाई जाएगी।
एसोचैम के बाद फार्मा इंडस्ट्री, अस्पताल, डॉक्टर, सीएसआईओ, ऑटो कंपनी और दूसरे क्षेत्रों के प्रतिनिधियों से भी वार्ता की जाएगी। इसके बाद पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा। उनके अनुसार चंडीगढ़ को स्टार्टअप हब बनाने के लिए जो सही होगा, वह सभी कदम प्रशासन की ओर से उठाए जाएंगे।