राजनीति

राजद्रोह का केस दर्ज होना डराता है, यह अभिव्यक्ति की आजादी का मर्दन नजर आता है

07 सितंबर, 2021 02:08 AM
एक सरकार को अपनी आलोचना से घबराना नहीं चाहिए। उसे अपनी निंदा सुननी चाहिए। फोटो pixabay

लखनऊ/ एजेंसी

कुरैशी उत्तराखंड, मिजोरम के राज्यपाल रहे हैं। उनके पास वर्ष 2012 से 2015 के बीच यूपी का भी अतिरिक्त प्रभार रहा था। कुरैशी मध्य प्रदेश के सतना जिले से कांग्रेस सांसद भी रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज होना बड़ी बहस को जन्म देता है। बेशक उत्तर प्रदेश में समय भाजपा का शासन है और पुलिस के पास कोई शिकायत आती है तो उसे दर्ज करने के अलावा उसके पास और क्या चारा होगा। हालांकि क्या कुछ सख्त शब्दों में किसी मुख्यमंत्री की आलोचना कर देना अब आपको राजद्रोह के मामले में फंसा देगा? क्या ऐसे मामलों से बचा नहीं जा सकता। क्या सरकार अपनी आलोचना और तीखी आलोचना को सुनकर उसकी अनदेखी नहीं कर सकती। दरअसल, इस तरह से केस दर्ज होना डराता है और अभिव्यक्ति की आजादी का मर्दन नजर आता है।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी के मामले में यह एफआईआर दर्ज की गई है। रविवार को कुरैशी के खिलाफ यह कानूनी कार्रवाई की गई है। यूपी पुलिस का कहना है कि रामपुर जिले के सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में भाजपा कार्यकर्ता आकाश सक्सेना की शिकायत पर कुरैशी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

एफआईआऱ की कॉपी के अनुसार, पूर्व गवर्नर पर राजद्रोह (124ए), धर्म, जातियों के बीच वैमनस्य को बढ़ाने के आऱोप में धारा 153ए और राष्ट्रीय एकता और अखंडता के खिलाफ बयान को लेकर 153बी के तहत केस दर्ज किया गया है। जनता के बीच भ्रम और दहशत फैलाने के आरोप में आईपीसी की धारा 505 (1) (बी) के तहत भी मामला दायर किया गया है।

एफआईआर में पुलिस ने कहा कि सक्सेना ने अपनी शिकायत में बताया है कि कुरैशी पूर्व मंत्री आजम खां के घर उनकी पत्नी और रामपुर की विधायक तंजीम फातिमा से मिलने गए थे, जहां उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार की तुलना शैतान और खून चूसने वाले राक्षस से की थी। पुलिस का कहना है कि सक्सेना ने अपनी शिकायत में कहा है कि कुरैशी का विवादित बयान दो समुदायों के बीच तनाव पैदा कर सकता है और सांप्रदायिक दंगा भी भडक़ सकता है।

गौरतलब है कि कुरैशी उत्तराखंड, मिजोरम के राज्यपाल रहे हैं। उनके पास वर्ष 2012 से 2015 के बीच यूपी का भी अतिरिक्त प्रभार रहा था। कुरैशी मध्य प्रदेश के सतना जिले से कांग्रेस सांसद भी रहे हैं।

मेरा बयान गलत लिया गया
वहीं कुरैशी ने सफाई देते हुए कहा कि राजनीतिक तौर पर उन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए उनके बयान को गलत ढंग से पेश किया गया और जनता को गुमराह करने की कोशिश की गई। कुरैशी ने कहा, मैंने कहा था कि पहले कभी इतने जुल्म नहीं हुए, जितने अब हो रहे हैं। मेरा बयान किसी के भी खिलाफ नहीं थी।

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