इसहफ्ते न्यूज / एजेंसी. दिल्ली
सिब्बल ने कहा, पार्टी में फिलहाल जिस तरह के हालात हैं, उस पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई जानी चाहिए। सिब्बल ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे पास फिलहाल कोई अध्यक्ष तक नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें जल्द से जल्द एक निर्वाचित अध्यक्ष की जरूरत है।
पंजाब कांग्रेस का संकट महज इसी राज्य तक सीमित नहीं है। यह संकट समूची कांग्रेस का आंतरिक संकट परिलक्षित हो रहा है। दो नए चेहरों को पार्टी से जोडक़र अपनी ताकत बढऩे का ख्वाब देख रही पार्टी उन वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी कर रही है, जिन्होंने कांग्रेस के लिए अपना खून-पसीना एक किया है और आज की तारीख में कांग्रेस जिनका विकल्प है। कहने में तो यही आता है कि पार्टी संगठन ही बड़ा होता है, नेता तो आते-जाते रहते हैं, लेकिन पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेताओं को मंच से उतार कर यह साबित कर दिया है कि वह निर्णय लेने की प्रणाली से भटक चुकी है और अब कुछ लोग ही समूची पार्टी हो गए हैं।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हो
दरअसल, पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल का एकबार फिर यह दर्द जाहिर हुआ है कि पार्टी में पुराने नेताओं का सम्मान नहीं रह गया है। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गाांधी पर अप्रत्यक्ष रूप से फिर हमला किया है। सिब्बल ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा- जो उनके (राहुल गांधी) करीबी थे, वे भी साथ छोडक़र जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जितिन प्रसाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया और ललितेश त्रिपाठी जैसे बड़े नेता हमें छोड़कर जा चुके हैं। पार्टी में फिलहाल जिस तरह के हालात हैं, उस पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई जानी चाहिए। सिब्बल ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे पास फिलहाल कोई अध्यक्ष तक नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें जल्द से जल्द एक निर्वाचित अध्यक्ष की जरूरत है।
जाहिर है, सिब्बल जैसे नेता चुप साध कर नहीं बैठ सकते। गुलाम नबी आजाद ने जब बोलना चाहा तो उन्हें पूरी तरह से चुप करा दिया गया। कांग्रेस चाहती तो उन्हें पार्टी में अगवा नेता बनाकर रख सकती थी लेकिन आजाद उन नेताओं की पांत में शामिल हैं, जोकि वह बोलते हैं जो दिल में आता है। कपिल सिब्बल की नजर पंजाब में जारी सियासी घमासान पर भी है। उन्होंने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के आरोप कि कांग्रेस में घमासान का फायदा पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान उठा सकता है, को एक तरह से दोहराते हुए कहा है कि पाकिस्तान इस उठापटक से फायदा हासिल कर सकता है। सिब्बल ने कहा कि सीमांत राज्य में अस्थिरता के हालात ठीक नहीं होंगे। कांग्रेस पार्टी को लोग लगातार छोड़कर जा रहे हैं।
हम पार्टी को खत्म होते नहीं देख सकते
कांग्रेस में बीते वर्ष जी-23 नेताओं के एक ग्रुप ने चिट्ठी लिखकर कोहराम मचा दिया था। इसे जहां कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ सीधी बगावत करार दिया गया वहीं उन नेताओं को गद्दार तक की संज्ञा दी गई जोकि इस ग्रुप में शामिल थे। वैसे, तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस ग्रुप की निंदा करते हुए सोनिया गांधी और उनके पुत्र-पुत्री का बचाव किया था। लेकिन उस समय भी कपिल सिब्बल मुखर हुए थे और आज भी वे ऐसे ही बोल रख रहे हैं। कपिल सिब्बल ने कहा, हम पार्टी को खत्म होते और नुकसान होते नहीं देख सकते। हम पार्टी को कमजोर नहीं कर सकते हैं। हम आज भी यही कह रहे हैं कि पार्टी को बुनियादी तौर पर मजबूत कीजिए और लोगों की बातों को सुनिए। क्या पंजाब में हमारी वजह से संकट पैदा हुआ है। सिब्बल ने कहा, हम (जी-23) वो लोग नहीं हैं, जो पार्टी छोड़कर कहीं और चले गए हों। यह विडंबना है कि जो उनके करीब थे, वे उन्हें छोडक़र चले गए और जिन्हें वे अपने करीब नहीं मानते हैं, वे आज भी साथ खड़े हैं।
हर कांग्रेसी सोचे- कैसे मजबूत हो पार्टी
कपिल सिब्बल ने कहा कि हर कांग्रेसी को यह सोचना चाहिए कि कैसे पार्टी को मजबूत किया जा सकता है। पार्टी को जो भी छोडक़र गए हैं, उन्हें वापस बुलाया जाना चाहिए क्योंकि अकेले कांग्रेस ही इस देश में लोकतंत्र को बचा सकती है। पंजाब के हालात को लेकर सिब्बल ने कहा, एक सीमांत राज्य में जो हो रहा है, उसका क्या मतलब है। इससे आईएसआई और पाकिस्तान को फायदा होगा। हम पंजाब और वहां चरमपंथ के इतिहास के बारे में जानते हैं।