नई दिल्ली/ चंडीगढ़
एआईबीओसी ने कहा कि दो दिवसीय हड़ताल में देश भर से करीब 7 लाख लोग हिस्सा ले रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार के रवैये के कारण हड़ताल से बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की एक लाख से अधिक शाखाओं में कामकाज प्रभावित हुआ है।
केंद्र सरकार की ओर से सरकारी बैंकों के निजीकरण के खिलाफ यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) की दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन बैंकों में कामकाज प्रभावित हुआ। यह हड़ताल 17 दिसंबर यानी शुक्रवार को भी जारी रहेगी। यूएफबीयू में बैंकों की 9 यूनियन शामिल हैं। अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (एआईबीओसी), अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) और राष्ट्रीय संगठन सहित नौ बैंक यूनियनों की एक संस्था यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) ने संयुक्त रूप से हड़ताल का आह्वान किया है। वेब मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक हड़ताल की वजह से देश के विभिन्न हिस्सों में कई बैंक शाखाएं बंद कर दी गईं। इसके चलते इनमें काम नहीं हो सका और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। नतीजतन, हड़ताल के कारण शाखाओं में जमा और निकासी, चेक निकासी और लोन मंजूरी जैसी सेवाएं ठप रहीं। हालांकि इस बीच एटीएम के सामान्य रूप से लेन-देन जारी रहा।
एसबीआई ने ग्राहकों को किया था सूचित
भारतीय स्टेट बैंक सहित सार्वजनिक क्षेत्र के सभी लोन दाताओं ने बैंक की दो दिवसीय हड़ताल को लेकर अपने ग्राहकों को पूर्व में सूचित किया था कि हड़ताल के कारण उनकी शाखाओं में सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। हालांकि, निजी क्षेत्र के लोनदाता जैसे एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक रोज की तरह काम कर रहे हैं।
राष्ट्र निर्माण में लगे बैंकों का निजीकरण गलत
एआईबीईए के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने बताया कि यह हड़ताल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के सरकार के फैसले के खिलाफ है, जो राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा एआईबीओसी की महासचिव सौम्या दत्ता ने कहा कि दो दिवसीय हड़ताल में देश भर से करीब 7 लाख लोग हिस्सा ले रहे हैं। दत्ता ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार के रवैये के कारण हड़ताल से बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की एक लाख से अधिक शाखाओं में कामकाज प्रभावित हुआ है।
सभी तरह की बैंक सेवाएं प्रभावित
दत्ता ने कहा है कि बैंक कर्मियों की हड़ताल से नकदी निकासी से लेकर जमा, व्यापार लेन-देन, लोन प्रक्रिया, चेक समाशोधन, खाता खोलने और व्यावसायिक लेन-देन तक सभी बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हुई हैं। फरवरी 2021 में पेश किए गए केंद्रीय बजट में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी विनिवेश योजना के तहत दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के निजीकरण की घोषणा की। निजीकरण के लिए सरकार ने बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2021 को संसद के वर्तमान सत्र के दौरान पेश करने और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है। देशभर में 16,17 और 18 दिसंबर को बैंक बंद हैं।