इसहफ्ते न्यूज. एजेंसी
भारत में मोदी सरकार क्रिप्टोकरेंसी की निगरानी के लिए विधेयक लाने की तैयारी कर रही है, लेकिन फिर भी देश में बिटकॉइन समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों का रुझान आसमान छू रहा है। ब्रोकर डिस्कवरी और कंपैरिजन प्लेटफॉर्म ब्रोकरचूजर के अनुसार, क्रिप्टो मालिकों की संख्या के मामले में भारत शीर्ष पर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कानूनी अस्पष्टता के बावजूद दुनिया में क्रिप्टो करंसी मालिकों की संख्या सबसे अधिक 10.07 करोड़ भारत में है। मनी कंट्रोल की रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले 12 महीनों में कुल ग्लोबल सर्चेज, क्रिप्टो मालिकों की संख्या, ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स और अन्य फैक्टर्स के आधार पर भारत फिलहाल 7वां सबसे ज्यादा क्रिप्टो अवेयर देश है। क्रिप्टो मालिकों के मामले में अमेरिका 2.74 करोड़ के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि इसके बाद रूस (1.74 करोड़) और नाइजीरिया (1.30 करोड़) का स्थान है।
ब्रोकरचूजर की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय लोगों में क्रिप्टो के संबंध में जागरूकता को लेकर किए गए इस अध्ययन में दुनिया के 50 देशों को शामिल किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिप्टो अवेयरनेस स्कोर में भारत ने 10 में से 4.39 अंक हासिल किए। भारत ने इस मामले में ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी और जापान जैसे देशों को पीछे छोड़ दिया। भारत कुल क्रिप्टो सर्चेज की संख्या (लगभग 36 लाख) के मामले में दूसरे स्थान है, जबकि अमेरिका इस मामले में पहले नंबर पर है।
आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार केंद्र सरकार देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक खास प्लान बना रही है। मोदी सरकार ने संसद में क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल पेश करने का फैसला लिया है। हालांकि इस विधेयक के बारे में जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं है। यह विधेयक देश में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल को कानूनी रूप से नियंत्रित करेगा।
वर्तमान में, बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी भारत में कानूनी दायरे से बाहर हैं। हालांकि उन्हें अवैध नहीं कहा जा सकता है क्योंकि वे अभी तक देश में किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा उपयोग के लिए अधिकृत नहीं किया गया है। क्रिप्टोकरेंसी फिलहाल किसी भी दिशा-निर्देश, विनियम या नियम के दायरे से बाहर है। इस वजह से बिटकॉइन और अल्टकॉइन का लेनदेन जोखिम भरा है, क्योंकि इन एक्सचेंजों से उत्पन्न होने वाले विवाद कानूनी रूप से बाध्य नहीं होंगे। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में कहा था कि केंद्रीय बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपनी चिंताओं से सरकार को अवगत करा दिया है। अब सरकार को इसपर गौर करना है। उन्होंने कहा कि अब केंद्र सरकार को यह तय करना है कि ऐसे प्लेटफार्मों के प्रसार से कैसे निपटा जाए।