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भारत की राजनीतिक स्थिरता विदेशी निवेश की बन रही बड़ी वजह

22 सितंबर, 2021 12:47 AM
अमेरिका और ब्रिटेन के उद्योगपतियों ने भारत की स्थिरता में अधिक विश्वास व्यक्त किया। Photo pixabay

इसहफ्ते न्यूज /एजेंसी

एक सर्वेक्षण के मुताबिक, आर्थिक वृद्धि की अच्छी संभावनाओं और कुशल कार्यबल की वजह से है, भारत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना हुआ है। मंगलवार को जारी सर्वेक्षण के नतीजे से पता चलता है कि बहुत सारे अंतरराष्ट्रीय उद्योगपति भारत की अल्प एवं दीर्घकालीन संभावनाओं में विश्वास रखते हैं और देश में अतिरिक्त निवेश और पहली बार निवेश करने की योजना बना रहे हैं।

सर्वेक्षण के अनुसार इन सात क्षेत्रों में त्वरित परिणाम दिखाने और वैश्विक मिसाल कायम करने की जरूरी संभावना, अवसर और क्षमता है। इसमें पाया गया कि अमेरिका में चीन, ब्राजील, मैक्सिको और वियतनाम जैसे बाजारों की तुलना में भारत को लेकर सबसे मजबूत सकारात्मक धारणा है। 

 

‘इंडियाज एफडीआई ऑपर्चूनिटी’ सर्वेक्षण के अनुसार, भारत सात पूंजी-गहन क्षेत्रों कपड़ा और परिधान, खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रॉनिक्स, औषधि, वाहन एवं कलपुर्जे, रसायन तथा पूंजीगत उत्पादों में अधिक से अधिक एफडीआई आकर्षित करने का लक्ष्य बना सकता है। इन क्षेत्रों ने 2020-21 में देश के व्यापार निर्यात में 181 अरब डॉलर का योगदान दिया था।

सर्वेक्षण के अनुसार, सर्वेक्षण में अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और सिंगापुर की बहुराष्ट्रीय कंपनियों के 1,200 शीर्ष अधिकारियों से सवाल किए गए। इसमें पाया गया कि भारत अपने कुशल कार्यबल और आर्थिक वृद्धि की अच्छी संभावनाओं के लिए ऊंचे अंक पाते हुए निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना हुआ है।

सर्वेक्षण में पाया गया कि भारत में व्यापार करने में आसानी में सुधार के लिए हाल के सुधारों के बावजूद निवेशकों के बीच इन सुधारों के लेकर कम जागरुकता बनी हुई है। सर्वेक्षण में पाया गया, तदनुसार, भारत को चीन और वियतनाम की तुलना में व्यापार करने के लिए एक अधिक चुनौतीपूर्ण वातावरण माना गया।

सर्वेक्षण के अनुसार इन सात क्षेत्रों में त्वरित परिणाम दिखाने और वैश्विक मिसाल कायम करने की जरूरी संभावना, अवसर और क्षमता है। इसमें पाया गया कि अमेरिका में चीन, ब्राजील, मैक्सिको और वियतनाम जैसे बाजारों की तुलना में भारत को लेकर सबसे मजबूत सकारात्मक धारणा है। अमेरिका और ब्रिटेन के उद्योगपतियों ने भारत की स्थिरता में अधिक विश्वास व्यक्त किया।

कहा गया कि जहां भारत को राजनीतिक और आर्थिक दोनों रूप से स्थिर माना जाता है, देश ने संस्थागत स्थिरता, यानी नियामक स्पष्टता और कुशल न्यायिक निवारण एवं तंत्र के वर्ग में कम अंक हासिल किए। इसमें यह भी कहा गया कि अपर्याप्त बुनियादी ढांचा मौजूदा और संभावित निवेशकों द्वारा बताया गया एक और नकारात्मक कारक था।

 

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