धर्म

देश में गणेश चतुर्थी की धूम, ट्राईसिटी में भी हो रही गणपति बप्पा की जय

इस बार गणेश चतुर्थी 31 अगस्त के दिन कुछ ऐसा संयोग भी बन गया, जैसा कि गणपति के जन्म के समय बना था। इसलिए इस संयोग को गणपति जन्म दिवस योग भी माना जा रहा है, दरअसल गणेश चतुर्थी इस बार बुधवार को आई।

31 अगस्त, 2022 10:23 PM
करीब 300 साल बाद गणेश चतुर्थी पर ऐसा संयोग बना है जो गणेश जी के आराधकों के लिए बेहद ही मंगलकारी है। फोटो pixabay

चंडीगढ़ : गणेश चतुर्थी के पर्व को देशभर में हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। बुधवार की सुबह देशभर में भगवान श्रीगणेश की पूजा-अर्चना करते हुए उन्हें अपने घरों में विराजमान किया। ट्राईसिटी में भी गणेश जी के भक्तों ने बुधवार की सुबह पूजा अर्चना के साथ उन्हें अगले दस दिनों के लिए अपने घरों में विराजमान किया है। चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला के मंदिरों को इस दौरान बेहद खूबसूरती से सजाया गया है, वहीं मंदिरों में सुबह के समय भगवान श्रीगणेश की आरती हुई और शाम के समय भी भक्तों का मंदिरों में तांता लगा रहा।


घर में की स्थापना और मांगी सभी की खुशहाली

 

मोहाली के खरड़ स्थित न्यू सन्नी इन्क्लेव निवासी एवं चंडीगढ़ सेक्टर-17 में पंजाब नेशनल बैंक में वरिष्ठ प्रबंधक सुनील मोंगिया ने भी अपने घर पर गणेश जी को स्थापित किया है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष भी वे गणेश जी का आह्वान करते हुए उन्हें अपने घर लेकर आए थे। गणेश जी रिद्धि, सिद्धि और कल्याण के देवता हैं। उनकी कृपा से सभी कार्य संपन्न हो जाते हैं। मोंगिया ने बताया कि घर में गणेश जी की स्थापना के बाद उन्होंने कार्यालय में प्रसाद का वितरण भी किया। उन्होंने बताया कि घर-परिवार में खुशहाली के साथ उनकी कामना है कि समाज व देश पर भी भगवान श्रीगणेश की कृपा हो।


बुधवार को रहा विशेष संयोग
चंडीगढ़ में पंडित वल्लभ मणि ने बताया कि इस बार गणेश चतुर्थी 31 अगस्त के दिन कुछ ऐसा संयोग भी बन गया है, जैसा कि गणपति के जन्म के समय बना था। इसलिए इस संयोग को गणपति जन्म दिवस योग भी माना जा रहा है दरअसल गणेश चतुर्थी इस बार बुधवार को आई। दोपहर के समय चित्रा नक्षत्र भी प्रभाव में है। माना जाता है कि इन्हीं संयोगों के बीच देवी पार्वती ने अपनी दिव्य शक्तियों से गणपति की प्रतिमा का निर्माण कर उन्हें प्राण प्रतिष्ठा प्रदान की थी। अत: बुधवार के दिन गणेश जी का आह्वान और उनकी पूजा विशेष फलदायी होने वाली है।

 

कोरोना ने छीन ली थी पर्व की खुशियां
इस बीच विभिन्न जगह से प्राप्त हो रही रिपोर्ट के अनुसार पंडालों और घरों में श्रद्धालु गणेशजी की पूजा अर्चना कर रहे हैं। घर-घर में श्रद्धालु गणपति बप्पा की जय और गणेशजी की जय का जयघोष कर रहे हैं। कोरोना की वजह से इससे पहले दो साल तक इतने हर्षोल्लास से गणेश चतुर्थी का पर्व नहीं मनाया जा सका था। हालांकि इस बार कोरोना का प्रभाव खत्म हो चुका है और वैसे भी गणेश जी तमाम विघ्न हर्ता हैं। 2 साल बाद गणेश पूजा पर लोगों में उत्साह भी जमकर है तो अबकी बार गणेशजी भी बेहद शुभ संयोग में भक्तों को दर्शन और आशीर्वाद देने आए हैं। ज्योतिषशास्त्री यह भी बता रहे हैं कि इस बार करीब 300 साल बाद गणेश चतुर्थी पर ऐसा संयोग बना है जो गणेश जी की आराधकों के लिए बेहद ही मंगलकारी है।

 

कहीं एक दिन तो कहीं 5 और 10 दिन के अतिथि

गणेश जी की आराधना के लिए चतुर्थी पर्व की अपनी धार्मिक और सामाजिक महिमा है। कहा जाता है कि आजादी की लड़ाई के समय बाल गंगाधर तिलक ने लोगों को एकजुट करने के मकसद से इस पर्व के आयोजन की शुरुआत की थी। महाराष्ट्र में यह पर्व पूरे धूमधाम से मनाया जाता है, इस बार राज्य में इसकी छटा देखते ही बन रही है। विभिन्न रिपोर्ट के अनुसार राज्य में लोगों ने पूरे विधि विधान से गणेश जी को अपने घरों में, सार्वजनिक पंडालों में आमंत्रित किया है। फिल्म नगरी मुंबई में फिल्म कलाकारों ने अपने यहां गणेश जी को सादर आमंत्रित कर उनकी पूजा अर्चना की है। मालूम हो, गणेशोत्सव पर बहुत से लोग 10 दिनों के लिए गणपति बैठाते हैं। जबकि कुछ लोग 1 दिन 4 दिन और 5 दिनों के लिए भी गणपति बैठाते हैं। ऐसे में जो लोग 10 दिनों के लिए गणपति बैठा रहे हैं उनके लिए अच्छी बात यह है कि अबकी बार गणेशोत्सव में तिथियों का क्षय नहीं है, जिससे पूरे 10 दिनों के लिए गणपति की पूजा कर पाएंगे।

 

रवियोग में गणेश चतुर्थी की पूजा
अबकी बार गणेश चतुर्थी के दिन पूरे दिन रवि नामक शुभ योग प्रभाव में रहेगा। सूर्य ग्रह से संबंधित यह योग अनेक ग्रह दोषों को दूर करने वाला और बेहद मंगलकारी है। इस योग में गणेशजी की पूजा करने से सभी प्रकार के विघ्न दूर होंगे।

 

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