राष्ट्रीय

हरियाणा में 'छोटी सरकारों' का हुआ गठन, ग्रामीणों ने बताया- लोकतंत्र से बड़ा कोई नहीं

411 जिला परिषद, 3081 ब्लॉक समिति और 6221 ग्राम पंचायतों के गठन की प्रक्रिया हुई पूरी

28 नवंबर, 2022 01:15 PM
panchayat election in haryana 2022

Chandigarh : Panchayat election in haryana : हरियाणा में ब्लॉक समिति (Block samiti election) और जिला परिषद (zila parishad election) के परिणाम आने के साथ ही पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो गई है। पंचायतों को जहां उनके पंच और सरपंच मिल चुके हैं, वहीं ब्लॉक समिति और जिला परिषदों के सदस्यों का चुनाव भी हो चुका है। अब चेयरमैन और वाइस चेयरमैन पदों के लिए जोड़तोड़ का दौर शुरू हो चुका है। इस बार कांग्रेस को छोड़कर बाकी राजनीतिक दलों ने अपने सिंबल पर चुनाव लड़ा था। जिस प्रकार के परिणाम आए हैं, उनमें निर्दलीय उम्मीदवारों पर ग्रामीणों ने ज्यादा भरोसा जताया है। हालांकि संविधान विशेषज्ञों की राय है कि पंचायत प्रतिनिधियों पर दलबदल कानून लागू नहीं होता है, ऐसे में वे पाला बदलना चाहें तो ऐसा कर सकते हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में कुल 6221 ग्राम पंचायतों का चुनाव संपन्न हुआ है वहीं 411 जिला परिषद और 3081 ब्लॉक समितियों के चुनाव भी पूरे हो चुके हैं। इन चुनावों की वजह से लगी आदर्श आचार संहिता भी अब खत्म हो चुकी है।

 

2964 सदस्य चुने गए ब्लॉक समिति में
ब्लॉक समिति चुनाव की बात करें तो कुल 2964 सदस्यों के लिए कुल 11 हजार 888 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। इन चुनावों के जरिए जहां ग्रामीणों ने छोटी सरकारों के गठन में अपनी अहम भूमिका निभाई है, वहीं राजनीतिक तौर पर भी अपनी परिपक्वता का परिचय दिया है। पहले के चुनावों में हिंसा होना आम बात होती थी, लेकिन अब होने वाले चुनाव शांति और व्यवस्था से संपन्न कराए जा रहे हैं। राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से इस संबंध में लगातार जागरूकता अभियान चलाया जाता है। अब बड़ी तादाद में ग्रामीण मतदान बूथों की तरफ रूख करते हैं, जोकि ज्यादा शिक्षित हैं और अपने अधिकारों के प्रति संजीदा होकर अपने गांव-देहात के हालात बदलने के इच्छुक हैं।

 

दुनीचंद सबसे ज्यादा तो शिवानी सबसे कम आयु की सदस्य
इस बार हरियाणा में चाहे वह पंच का चुनाव हो या फिर सरपंच का। वह चुनाव ब्लॉक समिति का हो या फिर जिला परिषद का। इनमें युवाओं की भागीदारी सबसे ज्यादा है। फतेहाबाद के गांव जांडवाला बागड़ के 83 वर्षीय दुनीचंद शर्मा प्रदेश में सबसे ज्यादा आयु वाले ब्लॉक समिति सदस्य हैं वहीं महेंद्रगढ़ में वार्ड नंबर 2 से शिवानी ब्लॉक समिति की पूरे प्रदेश में सबसे कम उम्र की महिला सदस्य चुनी गई हैं। महज 21 वर्ष की शिवानी ग्रेजुएट हैं और एक वर्ष का डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन किया है। वे अभी एमएससी मैथेमेटिक्स प्रथम वर्ष की छात्रा हैं। उन्हें कुल 1755 वोट हासिल हुए हैं। वहीं सबसे ज्यादा उम्र के ब्लॉक समिति सदस्य दुनीचंद शर्मा ने 24 वोट के मार्जिन से जीत हासिल की।

 

अब होगा शपथ ग्रहण समारोह
पंचायत, ब्लॉक समिति और जिला परिषदों के चुनाव परिणाम आने के बाद अब शपथ ग्रहण आयोजित किए जाएंगे। पहले यह रवायत रही है कि ब्लॉक या जिले में सभी पंचायत सदस्यों को बुलाकर अधिकारी शपथ ग्रहण करवाई जाती थी। हालांकि इस बार मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की है कि गांवों में ही पंचायत सदस्यों को शपथ ग्रहण करवाई जाएगी। इसे छोटी सरकारों की चौधर में और इजाफा होगा क्योंकि सरकार ने ग्रामीण प्रतिनिधियों को उन्हीं के गांवों में शपथ दिलाने की घोषणा की है। ग्रामीण विकास में पंचायतों की भूमिका की कोई भी सरकार अनदेखी नहीं कर सकती।

 

गोहाना ब्लॉक में हुआ उम्मीदवारों में कड़ा मुकाबला

सोनीपत जिले के गोहाना में कुल 8 ब्लॉक में पंचायत समिति चुनाव हुए। इन चुनावों में कड़ा मुकाबला उम्मीदवारों के बीच देखने को मिला। कहीं-कहीं तो एक-एक गांव में छह-छह उम्मीदवारों के बीच मुकाबला रहा और कहीं किसी गांव से एक ही उम्मीदवार सामने आया। ब्लॉक समिति का वार्ड नंबर 18 जिसमें मोई हुड्डा और रिवाड़ा गांव के मतदाताओं को एक सदस्य का चुनाव करना था, वहां भी कांटे का मुकाबला देखने को मिला। चुनाव में रिवाड़ा गांव से जहां एक उम्मीदवार ने अपना भाग्य आजमाया वहीं मोई हुड्डा से तीन उम्मीदवार मैदान में थे। इस चुनाव में रिवाड़ा गांव के गौरव ने 948 वोट लेकर जीत हासिल की वहीं मोई हुड्डा गांव के नवीन कुमार दलाल 870 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे। मोई हुड्डा गांव के ही सुनील को 774 और नीरज कुमार को 398 वोट प्राप्त हुए। मजेदार बात यह है कि 12 वोट नोटा को भी डाले गए। यानी 12 मतदाता ऐसे थे जिन्हें इन चार उम्मीदवारों में से एक भी पसंद नहीं था।

 

मोई हुड्डा से तीन तो रिवाड़ा से था एक प्रत्याशी

मोई हुड्डा गांव से ब्लॉक समिति प्रत्याशी रहे नवीन कुमार दलाल ने कहा कि 78 वोट के मार्जिन से उन्हें हार मिली है, वे अपनी हार के कारणों की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गांव मोई हुड्डा में तीन उम्मीदवारों के बीच वोट का बंटवारा हुआ है वहीं रिवाड़ा गांव से एक ही उम्मीदवार होने के कारण उन्हें इसका लाभ मिला। नवीन कुमार ने कहा कि गांव मोई हुड्डा में राजनीतिक एकजुटता देखने को नहीं मिली, हालांकि गांव में बहुत पहले सहमति बनाने की कोशिश की गई थी, बावजूद इसके गांव से तीन उम्मीदवार चुनाव में खड़े हो गए। उन्होंने कहा कि मोई हुड्डा गांव को विकास की बड़ी दरकार है, लेकिन ग्रामीण इस जरूरत की बजाय राजनीति को ज्यादा महत्व देते हैं। उन्होंने आकलन किया है कि करीब 200 वोट मोई हुड्डा गांव से रिवाड़ा के प्रत्याशी गौरव को मिली हैं।



मिले वोट से साबित हुआ, मेरे वादों पर जताया जनता ने भरोसा

नवीन कुमार दलाल के अनुसार उन्होंने ब्लॉक समिति चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद चेयरमैन पद के लिए भी ताल ठोंकने का इरादा जाहिर किया था। इसके लिए उन्हें व्यापक समर्थन हासिल हो रहा था। उनके अनुसार गांव और अपने देहात को विकसित बनाने की उनकी यह जंग आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने अपने जीवन में पहली बार चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें शानदार वोट हासिल हुए हैं, इससे मालूम हो जाता है कि जनता ने उनके वादों पर भरोसा जताया है। गांव में सीसीटीवी कैमरे लगवाने जैसे कार्य वे प्राथमिकता के तौर पर करवाएंगे वहीं अपने किए अन्य वादों को लेकर भी प्रशासन एवं सरकार के समक्ष मांग उठाते रहेंगे।

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