Lok sabha Election 2024: नई दिल्ली : लोकसभा के अंदर बजट सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तकरार का नया अध्याय शुरू हो चुका है। बहस लोकतंत्र को लेकर हो रही है, विपक्ष के पास मुद्दों की किल्लत नजर आती है, क्योंकि महंगाई जैसे मुद्दे अब जनता की समझ में भी आने लगे हैं। ऐसे में लोकतंत्र पर हमले के बहाने सरकार पर विपक्ष हमलावर हो रहा है। ईडी और सीबीआई के छापों ने भी उसे विचलित कर रखा है, लेकिन सवाल वही है कि क्या इस बार लोकसभा चुनाव में विपक्ष संसद के बाहर भी एकजुटता दिखाएगा।
ममता-अखिलेश में बातचीत का एजेंडा तय
दरअसल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के शुक्रवार को कोलकाता में मुलाकात करने की संभावना है, ताकि 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए विपक्षी एकता पर चर्चा की जा सके, तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, दक्षिण कोलकाता के कालीघाट में बनर्जी के आवास पर बैठक में कांग्रेस को शामिल किए बिना दोनों नेताओं के भाजपा के खिलाफ महागठबंधन बनाने की संभावनाओं पर चर्चा करने की संभावना है।
पश्चिम बंगाल कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्य ने अपना नाम बताने से इनकार करते हुए कहा- अखिलेश यादव शुक्रवार को कोलकाता के एक होटल में अपनी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति में शामिल होंगे। उस बैठक में शामिल होने के बाद, शाम करीब 5 बजे उनके कालीघाट स्थित मुख्यमंत्री आवास जाने की संभावना है। इससे पहले उसी दिन दोपहर तीन बजे मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी की कोर कमेटी की बैठक बुलाई है जिसमें तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी भी शामिल होंगे।
पिछले हफ्ते, बनर्जी और अखिलेश यादव सहित आठ विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय जैसी केंद्रीय एजेंसियां देश में विपक्षी दलों को विशेष रूप से पक्षपाती तरीके से निशाना बना रही हैं।
पश्चिम बंगाल विधानसभा के विस्तारित बजट सत्र के अंतिम दिन सोमवार को पश्चिम बंगाल में केंद्रीय एजेंसियों की अतिसक्रिय भूमिका की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया। स्पीकर बिमन बंदोपाध्याय ने कहा कि अगर केंद्रीय एजेंसियां सदन के किसी सदस्य के खिलाफ कोई कार्रवाई करने का फैसला करती हैं तो सबसे पहले स्पीकर के कार्यालय को सूचित किया जाना चाहिए। हालांकि, जब यह प्रस्ताव पारित हुआ तो विपक्षी भाजपा का कोई भी विधायक सदन में मौजूद नहीं था।