#Amritpal singh arrested: चंडीगढ़ : वारिस पंजाब दे संगठन के मुखिया और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी हुई या फिर उसने आत्मसमर्पण किया है। यह सवाल पंजाब समेत पूरे देश में पूछा जा रहा है। अमृतपाल सिंह को लेकर जिस प्रकार का माहौल पंजाब में रहा है और उसे लेकर जैसी सियासत चल रही है, उसके बाद इसकी आशंका थी कि पंजाब पुलिस उसके आत्मसमर्पण का इंतजार कर रही है। उसके इतने दिनों तक छिपकर रहने और पुलिस की पकड़ में न आने को भी यही माना जा रहा था, हालांकि अब अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद पंजाब पुलिस ने दावे के साथ कहा है कि अमृतपाल सिंह ने आत्मसमर्पण नहीं किया है, अपितु उसकी गिरफ्तारी की गई है। कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाए हैं, पार्टी ने सवाल पूछा है कि आखिर आतंकवादियों के समर्थक अमृतपाल सिंह को पहली बार भगाने में किसने मदद की थी। कांग्रेस नेता पीएल पूनिया का कहना है कि अमृतपाल ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है।
गौरतलब है कि पंजाब पुलिस के पुलिस महानिरीक्षक सुखचैन सिंह गिल का कहना है कि, वे स्पष्ट करना चाहते हैं कि अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार किया गया है। उसने आत्मसमर्पण नहीं किया है। आज का ऑपरेशन ठोस और विश्वसनीय इनपुट पर आधारित था। गिल ने कहा कि शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए पंजाब के लोगों को वे धन्यवाद देना चाहते हैं। अमृतपाल सिंह को असम में डिब्रूगढ़ जेल ले जाया गया।
गौरतलब है कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के साथ रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के वारंट पर अमल किया गया। पुलिस के अनुसार अमृतपाल सिंह के खिलाफ एनएसए वारंट जारी किया गया था और उस वारंट पर रविवार सुबह अमल किया गया। अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने रविवार सुबह करीब 6.45 बजे मोगा के गांव रोडे से गिरफ्तार किया। वह 18 मार्च से फरार चल रहा था। उसकी गिरफ्तारी के लिए पूरे देश में अलर्ट था और पंजाब से हरियाणा और दिल्ली होते हुए नेपाल बॉर्डर तक उसके पहुंचने की सूचनाएं थी। लेकिन वहां से वह फिर वापस पंजाब लौटा और अब मोगा में गांव रोडे के गुरुद्वारे में आश्रय लिए हुए था।
पुलिस महानिरीक्षक सुखचैन सिंह गिल के अनुसार पुलिस के पास अमृतपाल सिंह के रोडे गांव में मौजूद होने की खुफिया जानकारी थी, जिसके बाद एक संयुक्त अभियान चलाया गया। गिल ने कहा, हमारे पास स्पेशल इनपुट थे कि अमृतपाल सिंह रोडे गांव में मौजूद था। उसे घेर लिया गया, जिसके चलते उसके पास भागने का कोई मौका नहीं था।
तो आत्मसमर्पण की बात किसने फैलाई
भिंडरावाले के भतीजे जसवीर रोडे ने पत्रकारों को बताया कि अमृतपाल सिंह ने कल रात ही पुलिस को सूचित किया था कि वह रविवार सुबह गुरुद्वारा जन्म स्थान संत खालसा में मत्था टेकने के बाद आत्मसमर्पण कर देगा। पिछले साल सितंबर में, वारिस पंजाब दे के प्रमुख के रूप में रोडे गांव में अमृतपाल सिंह दस्तार बंदी (पगड़ी बांधना) समारोह आयोजित किया गया था। इससे पहले उसके करीबी पापलप्रीत सिंह को 10 अप्रैल को एनएसए के तहत अमृतसर में गिरफ्तार किया गया था और उसके खिलाफ छह अन्य मामले भी दर्ज किए गए हैं।