राष्ट्रीय

संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप : सांसद महुआ ने भेजा कानूनी नोटिस तो हो गई यह कार्रवाई

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर का खुलासा, सांसद के सवालों की भाषा मिलती है कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के साथ । सांसद पर लगे हैं पैसे लेकर 50 सवाल पूछने के आरोप, क्या है पूरा मामला

17 अक्टूबर, 2023 01:33 PM
सांसद महुआ मोइत्रा। फोटो साभार एक्स

इसहफ्ते न्यूज

Mahua Moitra and Nisikant Dubey case : रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप के मामले में तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने जहां भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और उनके अधिवक्ता को कानूनी नोटिस भेजा है, वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस मामले को लोकसभा की एथिक्स कमेटी को भेज दिया है। भाजपा सांसद के आरोपों और एक वकील की सीबीआई को शिकायत के बाद केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी खुलासा किया है कि महुआ के सवालों की भाषा कारोबारी मित्र दर्शन हीरानंदानी की भाषा से मिलती है।  भाजपा सांसद निशिंकात दुबे का आरोप है कि महुआ मोइत्रा को सदन में सवाल पूछने के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से उपहार और नकद राशि मिली। हालांकि सांसद महुआ मोइत्रा ने इन आरोपों से इनकार किया है।


अब सांंसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष के अलावा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को भी पत्र लिखकर उनसे सदन के सदस्यों के लिये बनी वेबसाइट पर सांसद महुआ मोइत्रा के ‘लॉग-इन क्रेडेंशियल' के ‘आईपी' पते की जांच करने का आग्रह किया है। मालूम हो, दुबे ने रविवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए एक उद्योगपति से ‘रिश्वत' लेने का आरोप लगाया था।

ओम बिरला को लिखे पत्र में, निशिकांत दुबे ने वकील जय अनंत देहाद्राई से प्राप्त एक पत्र का हवाला दिया और कहा कि वकील ने ‘पुख्ता' सबूत साझा किए हैं कि महुआ मोइत्रा ने संसद में सवाल पूछने के लिए उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी से ‘नकद' और ‘उपहार' के रूप में रिश्वत ली है। दुबे के पत्र के जवाब में, मोइत्रा ने कहा, "सांसदों के सभी संसदीय कार्य निजी सहायक (पीए), सहायकों, प्रशिक्षुओं और बड़ी टीम द्वारा किए जाते हैं."

 

एक बड़े राजनीतिक विवाद की शुुरुआत है मामला

पश्चिम बंगाल में जहां कई तृणमूल सदस्य व मंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे हैं, वहीं अब पार्टी की सांसद पर इस तरह के आरोप लगना पेचीदा मामला हो जाता है। सांसद महुआ मोइत्रा पर आरोप न सिर्फ गंभीर भ्रष्टाचार का है, बल्कि सदन की गरिमा गिराने और विशेषाधिकारों के हनन का आरोप भी लगा है। उन पर पैसे और गिफ्ट के बदले विदेश में बसे एक उद्योगपति मित्र के हितों के लिए संसद में सवाल पूछने का आरोप है।

 

गौरतलब है कि इससे पहले भी ऐसा मामला सामने आ चुका है। यह साल 2005 की बात है, जब सांसदों पर ऐसे आरोप लगे तो उनकी संसद से सदस्यता चली गई। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर अब सांसद महुआ मोइत्रा पर इसका आरोप लगाया है। कहा गया है कि महुआ ने अब तक सदन में 61 सवाल पूछे हैं, जिसमें से 50 एक उद्योगपति के कारोबार से जुड़े रहे हैं। निश्चित रूप से इन आरोपों की जांच होनी चाहिए। भारतीय राजनीति में कब किस पर किस प्रकार के आरोप लग जाएं यह कहा नहीं जा सकता। लेकिन ऐसे में यह आवश्यक है कि उन आरोपों के संबंध में सच सामने आए। हालांकि राजनीतिक रूप से यह मामला चर्चित हो गया है और अब सबकी नजर इस पर है।

 

दरअसल, सांसद निशिकांत ने लोकसभा अध्यक्ष को बताया है कि दिल्ली के एक अधिवक्ता ने इस मामले की पूरी पड़ताल की है, लोकसभा में महुआ की ओर से पूछे गए सवालों की लिंक अटैच की है और साथ ही यह भी बताया है कि पूछे गए सवाल किस तरह एक ही उद्योगपति से संबंधित थे। वास्तव में एक पहलू यह भी है कि कुछ सवालों को अदाणी समूह से जोड़ा जाता था, जिसके खिलाफ महुआ के उद्योगपति मित्र की कंपनी संघर्ष कर रही होती थी। निशिकांत ने इस मामले में पूरी जांच कमेटी बिठाने और कार्रवाई करने की मांग करते हुए टीएमसी सांसद की फायरब्रांड छवि पर भी सवाल उठाए हैं। हालांकि टीएमसी सांसद की ओर से कहा गया है कि वे किसी भी जांच का स्वागत करेंगी।

 

हाल ही में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के संबंध में कुछ ऐसे विवरण भी सामने आए हैं, जिन पर राजनीति और समाज में सवाल उठ रहे हैं। बेशक, एक सांसद की भी निजी जिंदगी है, लेकिन भारतीय संदर्भों में क्या किसी सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति यानी एक माननीय को खुलेआम शराब पीते और सिगार के कश लगाते देखना क्या विचित्र अनुभव नहीं है। सांसद होना कोई ऑनरशिप हासिल कर लेना नहीं है, अपितु यह बेहद जिम्मेदारी का पद है। उम्मीद यही की जानी चाहिए कि प्रत्येक माननीय का जीवन पारदर्शी और दूसरों के लिए प्रेरक होगा। क्योंकि अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर यह इस पद की गरिमा को हीन करेगा और जनता के बीच गलत संदेश जाएगा।

 

सरकार पर दबाव बनाना थी कोशिश

पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में कहा जा रहा है कि ऐसा करने के पीछे मंशा परोक्ष रूप से सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की होती थी। रिपोर्ट के अनुसार महुआ मोइत्रा मई 2019 में चुनकर लोकसभा पहुंचीं। आठ अगस्त 2019 को उन्होंने पेट्रोलियम मंत्रालय से पारादीप पोर्ट ट्रस्ट से जुड़ा सवाल पूछा था। तब पारादीप के साथ 2018 में उद्योगपति जिन्हें सांसद का मित्र बताया गया है, के साथ समझौता हुआ था। 18 नवंबर को महुआ ने फिर से पेट्रोलियम से जुड़ा सवाल पूछा और अदाणी को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की। 2005 में तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष ने ऐसे ही एक मामले की जांच कराई थी। महज 23 दिन के अंदर आई रिपोर्ट के बाद सदन ने एकमत से इसकी आलोचना करते हुए सदस्यता खारिज कर दी थी। अब सांसद महुआ पर भी इसका खतरा गहरा रहा है।

 

क्या विपक्ष को एक और हथियार तो नहीं थमा दिया

देश में इस समय कांग्रेस के नेतृत्व मेंं महागठबंधन की कवायद जारी है। इंडिया नाम से इस गठबंधन की नींव भी पड़ चुकी है। गठबंधन के नेताओं पर ईडी, सीबीआई की ओर से छापे की कार्रवाई चल रही हैं। ऐसे में इस मामले को भी अगर राजनीति से प्रेरित करार नहीं दिया जाए, इसमें पर्याप्त संशय है। वास्तव में ईडी, सीबीआई की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताना भी नेताओं के लिए ढाल होती है, हालांकि मामला जब अदालत के समक्ष जाता है तो ईडी को भी जवाब देना पड़ता है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को अपने ऊपर लगे आरोपों के संबंध में पूरा सच देश के समक्ष रखना होगा। उनकी पार्टी के नेतृत्व को भी इस बारे में जवाब देना चाहिए, संसद को इसका अधिकार है कि वह ऐसे मामलों में सख्त निर्णय ले।

Have something to say? Post your comment

और राष्ट्रीय खबरें

कांग्रेस को इस समय खुद को 'पीजीआई' पहुंचने से रोकने की जरूरत है, 'घर' पर ही चिकित्सा कर ले गनीमत होगी

कांग्रेस को इस समय खुद को 'पीजीआई' पहुंचने से रोकने की जरूरत है, 'घर' पर ही चिकित्सा कर ले गनीमत होगी

आखिर सिटी ब्युटीफुल चंडीगढ़ में अगले पांच साल बाद भी कोई मौजूदा मुद्दों पर बहस करना पसंद करेगा?

आखिर सिटी ब्युटीफुल चंडीगढ़ में अगले पांच साल बाद भी कोई मौजूदा मुद्दों पर बहस करना पसंद करेगा?

हरियाणा में कांग्रेस अगर सरकार नहीं बनाना चाहती है तो उसने प्याले में तूफान क्यों पैदा किया?

हरियाणा में कांग्रेस अगर सरकार नहीं बनाना चाहती है तो उसने प्याले में तूफान क्यों पैदा किया?

हरियाणा में 3 निर्दलीय विधायकों के पाला बदलने से कांग्रेस को सच में मिलेगा फायदा ?

हरियाणा में 3 निर्दलीय विधायकों के पाला बदलने से कांग्रेस को सच में मिलेगा फायदा ?

इनेलो और जजपा अगर एक हो जाएं तो हरियाणा की सियासत में आ सकता है बड़ा बदलाव !

इनेलो और जजपा अगर एक हो जाएं तो हरियाणा की सियासत में आ सकता है बड़ा बदलाव !

बीरेंद्र सिंह परिवार के राजनीतिक भविष्य के लिए कांग्रेस में गए हैं, समय बताएगा कि यह कवायद क्या गुल खिलाती है

बीरेंद्र सिंह परिवार के राजनीतिक भविष्य के लिए कांग्रेस में गए हैं, समय बताएगा कि यह कवायद क्या गुल खिलाती है

7 साल में 4 बार अरुणाचल प्रदेश में जगहों के नाम बदलकर चीन ने आखिर क्या हासिल कर लिया ?

7 साल में 4 बार अरुणाचल प्रदेश में जगहों के नाम बदलकर चीन ने आखिर क्या हासिल कर लिया ?

लोकप्रिय और 'इम्पोर्ट' किए चेहरों के बूते 400 पार सीटों का लक्ष्य हासिल कर पाएगी भाजपा

लोकप्रिय और 'इम्पोर्ट' किए चेहरों के बूते 400 पार सीटों का लक्ष्य हासिल कर पाएगी भाजपा

पंजाब के प्रदर्शनकारी किसान क्या सच में इस मसले के समाधान को राजी हैं ?

पंजाब के प्रदर्शनकारी किसान क्या सच में इस मसले के समाधान को राजी हैं ?

नववर्ष के लिए हमारे संकल्प और लक्ष्य निर्धारित हों और हम उनको हासिल करने के लिए आगे बढ़ें

नववर्ष के लिए हमारे संकल्प और लक्ष्य निर्धारित हों और हम उनको हासिल करने के लिए आगे बढ़ें