सुरेंद्र सिंह
टोक्यो ओलंपिक में हरियाणा (haryana sports policy) के खिलाड़ियों के बेहतर प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने नई खेल नीति के तहत ग्रास रूट पर लड़के व लड़कियों की टीम व व्यक्तिगत खेलों को बढ़ावा देने के जोरदार प्रयास शुरू किए हैं। सरकार की नई खेल नीति के तहत जो खेलों का ढांचा खड़ा किया जा रहा है, उसमें 1100 (sports nursery) खेल नर्सरी प्रदेश में खोलने की मंजूरी सरकार की ओर से प्रदान की गई है। इन नर्सरियों के लिए ट्रायल प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अभी तक पूरे प्रदेश में मात्र 111 नर्सरियां ही संचालित हो रही थीं, अब इनकी संख्या कई गुणा ज्यादा की गई है।
नर्सरियों की बढ़ाई संख्या में 500 खेल नर्सरियों को खेल विभाग व 600 खेल नर्सरियों को प्राइवेट संस्थानों को दिये जाने का काम शुरू हो चुका है। इस प्रक्रिया के तहत ब्लॉक स्तर पर खिलाड़ियों का चयन किया जा रहा है। पूरे प्रदेश से विभिन्न खेलों के 25 हजार खिलाड़ी अब इन नर्सरियों में अभ्यास करते नजर आ रहे हैं।
यह होगा खेल नर्सरी का ढांचा
हर खेल नर्सरी में 20 से 25 खिलाड़ी होंगे। पांच खिलाड़ियों को प्रतीक्षा सूची में रखा जाएगा। चयनित खिलाड़ियों की स्कूल में फीस में भी रियायत देने का प्रावधान किया गया है। सरकार की ओर से खेल नर्सरियों की निगरानी की जाएगी।
जिला खेल अधिकारी कम से कम एक बार नर्सरियों का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करके मुख्यालय भेजेंगे। खेल नर्सरियों की स्थिति को जानने के लिए साल में दो बार जिला स्तर पर इंटर नर्सरी प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जायेगा। विभाग खिलाड़ियों के उनके प्रशिक्षण और पूरे सिस्टम को विकसित करने के लिए एप भी बना रहा है।
- चयनित खिलाड़ी रहेंगे दो श्रेणियों में
जो खिलाड़ी नर्सरियों के लिए चयनित किये जायेंगे, उन्हें दो श्रेणियों में रखा जाएगा। प्रथम श्रेणी में 8 वर्ष से 14 वर्ष आयु वर्ग के खिलाड़ी होंगे तो दूसरी श्रेणी में 15 से 19 वर्ष आयु वर्ग के खिलाड़ियों को रखा जाएगा। दो श्रेणियों में रखे जाने वाले इन खिलाड़ियों में 8 से 14 वर्ष आयु वर्ग के खिलाड़ियों को 1500 रुपये की स्कॉलरशिप खुराक के रूप में प्रति माह प्रदान की जायेगी व 15 से 19 आयु वर्ग के खिलाड़ियों को यह राशि 2,000 रुपये मिलेगी। खिलाड़ियों को मिलने वाली सुविधाओं के लिए सालाना ब्यौरा भी विभाग रिपोर्ट बना कर तैयार करेगा।
- प्रदर्शन देखकर एक्सटेंशन
प्रदर्शन के हिसाब से खेल नर्सरियों को एक्सटेंशन दी जायेगी। इसके लिए विभाग ग्रेडिंग देगा। यह गे्रडिंग चार श्रेणियों में बांटी गई है, ए ग्रेड, बी ग्रेड, सी ग्रेड और डी ग्रेड। डी ग्रेड हासिल करने वाली नर्सरियों का कार्यकाल आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। नर्सरियों की स्थिति को जानकर ही जिला खेल अधिकारी और तीन अन्य सीनियर कोच की कमेटी सिफारिश करके भेजेगी।
- ग्राउंड पर उपस्थिति जरूरी
नई खेल नीति के तहत हर खिलाड़ी की ग्राउंड पर कम से कम 22 दिन की उपस्थिति जरूरी होनी चाहिए। विभाग के अनुसार ग्रेडिंग और अंक कोच और खिलाड़ियों की हाजिरी यदि 90 फीसदी से ज्यादा होगी तो नर्सरी को 10 अंक मिलेंगे। 80 से 90 फीसदी पर 8 और 70 से 80 के बीच होने पर केवल 4 अंक मिलेंगे। जिन नर्सरियों के खिलाड़ी नर्सरी के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतते हैं उन्हें 12 अंक मिलेंगे। राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतने पर 8 अंक। राज्य स्तर पर मेडल जीतने पर 4 अंक मिलेंगे।
खेलों के मिलेंगे अंक
निजी संस्थानों की नर्सरी ग्रेडिंग और अंक इंफ्रास्ट्रक्चर और इक्यूपमेंट को लेकर 10 से 4 अंक दिए जाएंगे। खिलाड़ियों की हाजिरी पर खेल विभाग की नर्सरी के समान ही अंक मिलेंगे। इस प्रकार निजी कोच द्वारा संचालित नर्सरी के खिलाड़ियों के मेडल जीतने पर भी खेल विभाग की नर्सरी के समान अंक नर्सरी को मिलेंगे। 28 से ज्यादा अंक लेने वाली नर्सरी को ए तो 21 से 28 अंक वाले को बी ग्रेड दी जाएगी। यही नहीं 17 से 20 अंक हासिल करने वाली नर्सरी को सी ग्रेड मिलेगा 17 से कम अंक वाली नर्सरी को ग्रुप डी में रखा जाएगा।
खिलाड़ियों के लिए स्वर्णिम अवसर
पानीपत के कुश्ती खिलाड़ी सिकंदर मलिक, महिला कुश्ती खिलाड़ी कोमल व प्रिया के अनुसार सरकार का यह कदम खिलाड़ियों की प्रतिभा को आगे बढ़ाने में सहायक साबित होगा। जो खिलाड़ी पैसे के अभाव में खिलों में पिछड़ रहे थे, उन्हें आगे बढ़ने व अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा।
क्या कहते हैं कोच
कुश्ती कोच नरेंद्र के अनुसार सरकार की ओर से नर्सरियों को बढ़ावा देने से खिलाड़ियों की संख्या में इजाफा होगा। अच्छा टैलेंट उभर कर सामने आयेगा। वहीं कोच मनोज मलिक के अनुसार खिलाड़ियों को नियमित अभ्यास के लिए मैदान में आना पड़ेगा। खिलाड़ियों को मिलने वाली खुराक कमजोर वर्ग के खिलाड़ियों के लिए सहायक होगी।
जिला खेल अधिकारी बोले
पंचकूला के जिला खेल अधिकारी अमरजीत के अनुसार नर्सरी की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। 8 वर्ष से 14 वर्ष आयु वर्ग से लेकर 15 से 19 वर्ष आयु वर्ग के खिलाड़ी मनोयोग से ट्रायल दे रहे हैं। हर खेल के लिए शारीरिक रूप से स्वस्थ होना जरूरी है। खिलाड़ियों की नर्सरी के प्रति गहरी रुचि ट्रायल के दौरान दिखाई पड़ी। इन नर्सरियों से नई प्रतिभाओं को प्रदर्शन करने का अवसर मिलेगा।
निदेशक ने कहा- खिलाड़ियों की नींव होगी मजबूत
खेल विभाग के निदेशक पंकज नैन के अनुसार प्रदेश में 1100 नर्सरियां खोली जा रही हैं। पूरे प्रदेश में चयन प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। प्रदेश में खिलाड़ियों की नींव मजबूत होगी। नर्सरियों में किसी भी प्रकार की अनियमितताएं न हों, इसके लेकर ग्रेडिंग सिस्टम बनाया गया है।